मजेदार बाल कविता : बैगन भैया

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
Baingan Poem
 
कुछ तो बोलो बैगन भैया,
तुम पढ़ते हो कक्षा कौन?
क्यों गुमसुम चुपचाप खड़े हो,
साध रखा है बिल्कुल मौन।
 
ए. बी. सी. डी. सीखी होगी,
सीखा होगा अ, ब, स।
तोड़ो अब तो चुप्पी भाई,
कर लो थोड़ा हा- हा- हा।
 
मैं तो सीख रहा था भैया,
क, ख, ग और ए. बी. सी.।
लेकिन मुझ को तोड़ लाई है,
डाली से गुल्ली दीदी।
 
अब बनाएगी मुझे भूनकर,
भुर्ता खट्टा और नमकीन।
और साथ में मजे-मजे से,
खा लेगी वह रोटी तीन।
 
पर मैं तो इसमें भी खुश हूं, 
काम किसी के आता हूं।
नहीं भले ही पढ़ लिख पाया,
लेकिन भूख मिटाता हूं।

(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

क्या प्रोटीन सप्लीमेंट्स लेने से जल्दी आता है बुढ़ापा, जानिए सच्चाई

चेहरे की ड्राईनेस को दूर भगाने के लिए लगाएं इन सब्जियों का रस, बदल जाएगी रंगत

पीसीओएस में हार्मोन संतुलन और वजन घटाने में बहुत फायदेमंद है ये कमल ककड़ी ड्रिंक, जानिए बनाने की सही विधि

कीमोथैरेपी से सूखे हिना खान के नाखून, जानिए किन होम रेमेडीज से कैंसर पेशेंट्स पा सकते हैं इस समस्या से राहत

बसौड़ा 2025: सप्तमी-अष्टमी के व्यंजन, इन पकवानों से लगाएं शीतला माता को भोग

सभी देखें

नवीनतम

मी लॉर्ड! यह कैसी टिप्पणी, बेटियों को बचाना चाहते हैं या अपराधियों को?

गर्मियों में इम्युनिटी बढ़ाने वाले इस डेली डाइट रूटीन को करें फॉलो, दिनभर रहेंगे एनर्जेटिक

टीचर और छात्र का चटपटा चुटकुला : गर्मी में सबसे ज्यादा क्या होता है?

घर पर कैसे बनाएं गर्मी में ठंडक पहुंचाने वाले रसीले शरबत, नोट करें 3 रेसिपी

नवगीत: घना हो तमस चाहे

अगला लेख