बाल गीत : कड़क ठंड में मौज

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
kids poem
कड़क ठंड है कहीं न जाएं।
घर में रहकर मौज मनाएं।
सूरज जब हड़ताल पर बैठा,
पाएं न हम भी क्यों छुट्टी।
 
सब कामों से क्यों न कर लें,
हम भी पूरी-पूरी कुट्टी।
क्यों न बिस्तर बैठे ही,
दूध जलेबी छककर खाएं।
 
बात न पढ़ने लिखने की हो,
दादी कहें कहानी अच्छी,
दादाजी से सुने चुटकले।
करे न कोई माथा पच्ची।
 
मम्मी के मीठे गानों पर,
पापाजी संगीत बजाएं।
बंद रखें खिड़की दरवाजे,
हवा कहीं से घुस न पाए।

 
चले 'रूम हीटर' कमरे में,
तो थोड़ी सी गरमी आए।
मोबाइल पर गेम खेलकर,
हम सब मिलकर धूम मचाएं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

जानिए कैसे मंगोल शासक अल्तान खान की वजह से शुरू हुई थी लामा परंपरा? क्या है दलाई लामा का इतिहास

Hustle Culture अब पुरानी बात! जानिए कैसे बदल रही है Work की Definition नई पीढ़ी के साथ

ग्लूटाथियोन बढ़ाने के लिए इंजेक्शन या दवाइयां खाने से बेहतर है खाएं ये फल और सब्जियां, जानें कुदरती उपाय

सावन मास में शिवजी की पूजा से पहले सुधारें अपने घर का वास्तु, जानें 5 उपाय

सिरदर्द से तुरंत राहत पाने के लिए पीएं ये 10 नैचुरल और स्ट्रेस बस्टर ड्रिंक्स

सभी देखें

नवीनतम

बारिश में जॉगिंग या रनिंग करना कितना सेफ है? जानिए फायदे, खतरे और जरूरी सावधानियां

बिस्किट और टोस्ट नहीं, चाय के साथ ये 5 टेस्टी और हेल्दी फूड्स हैं बेस्ट स्नैक

शिक्षाप्रद कहानी: तेनालीराम की चतुरता से बची राजा की जान

फिटनेस के जुनून से बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा, वर्कआउट के समय जरूरी है ये सावधानी

गुरु अध्यात्म की ज्योति हैं, गुरु हैं चारों धाम...अपने गुरु का खास अंदाज में करें सम्मान, भेजें ये विशेष शुभकामना सन्देश

अगला लेख