बाल गीत : चिड़िया रानी...

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
छत की चिड़िया रानी

शुद्ध हवा कितनी प्यारी है,
प्यारा-प्यारा पानी है।

 
 
प्यारे-प्यारे दादा-दादी, 
प्यारे-प्यारे नाना-नानी हैं।
 
सागर-झरने-नदियां-पर्वत,
लगते कितने प्यारे हैं।
हरे-भरे तरुवर प्यारे हैं,
प्यारे नदी किनारे हैं।
 
प्यारे-प्यारे महल-अटारी,
प्यारे छप्पर छानी है।
मैना कितनी प्यारी-प्यारी,
तोते कितने प्यारे हैं।
 
सोनचिरैया, मोर-मोरनी,
कोयल सबसे न्यारी है।
पर सबसे प्यारी होती है,
छत की चिड़िया रानी है।
 
बगिया कितनी प्यारी-प्यारी,
गेंदा कितने प्यारे हैं।
चंपा-लिली-गुलाब-चमेली,
सब आंखों के तारे हैं।
 
भंवरों की गुन-गुन सुन,
तितली करती क्यों शैतानी है।
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