बालगीत : सोमा आई है...

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
अभी-अभी सोमा आई है, 
चलकर चाल निराली।


 
बोली अंकल कथा सुनाओ, 
मुझको परियों वाली।
 
उन परियों की कथा सुनाना,
जिनके पंख लगे हों।
उन पंखों पर सुन्दर-सुन्दर, 
प्यारे रंग खिले हों।
 
हमने कही कहानी,
आई उसके मुख पर लाली।
बोली अंकल कथा सुनाओ, 
मुझको परियों वाली
 
उसको कथा सुनाने पर मन, 
मेरा भी खिल जाता।
बाहर से भीतर तक सारा,
घर पुलकित हो जाता। 
 
खुशियों के मारे तो सोमा, 
लगी बजाने ताली।
बोली अंकल कथा सुनाओ, 
मुझको परियों वाली।
 
सोमा जब-तब आ जाती है, 
घर को महकाती है।
चिड़ियों को चुप न रहने दे, 
उनको चहकाती है।
 
दिन को जैसे होली मानती,
होती रात दिवाली।
बोली अंकल कथा सुनाओ, 
मुझको परियों वाली।
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