बालगीत : मेरी छोटी सी गुड़िया

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
मेरी गुड़िया का छोटा सा,
चिड़ियों जैसा पेट।
 

 
रोटी एक कभी खाती है,
कभी-कभी तो आधी।
दादी जब देती तो कहती,
ना, ना अब न दादी।
 
साफ मना कर देती सबको,
बिन ही लाग-लपेट।
 
कहती, खाने को ना जीती,
खाती हूं जीने को।
उसकी टीचर ने बोला है,
गुस्सा गम पीने को।
 
सुबह पांच पर उठ जाती है,
रात दस बजे लेट।
 
नहीं किसी झगड़े-झंझट में,
पाठ नियम से पढ़ती।
कर्म करो तो फल मिलता है,
कहकर खूब चहकती।
 
चिड़िया हैं सब रामलला की,
रामलला के खेत।

 
Show comments

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?