बारिश पर कविता : आओ प्यारे बादलजी

डॉ. सुधा गुप्ता 'अमृता'
आओ प्यारे बादलजी 
भर दो मेरी छागलजी 


 
ताल-तलैया भरो लबालब 
कुएं-बावड़ी भरो डबाडब 
उछले नदी छलाछलजी 
आओ प्यारे बादलजी 
 
गर्जन-तर्जन करो ढमाढम 
बिजली नर्तन करो चमाचम 
धरा बजाए मादलजी 
आओ प्यारे बादलजी 
 
खेतों में फसलें मुस्काएं 
ठंडी हवा झूम लहराएं 
जैसे मां का आंचलजी 
आओ प्यारे बादलजी 
 
टर्र-टर्र मेंढक बोले 
पीहू-पपीहा रस घोले 
मोर हुआ है पागलजी 
आओ प्यारे बादलजी 
 
जल अमोल है हम समझें 
इसे सहेजना हम समझें 
घन बरसे हैं श्यामलजी 
आओ प्यारे बादलजी 
 
बूंदें बरसें सुधा समान 
सप्त स्वरों की गूंजे तान 
मिश्री घोले कोयलजी 
आओ प्यारे बादलजी। 
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

पेट के लिए वरदान है जामुन, जानिए इसके चमत्कारी फायदे

सावधान! अधूरी नींद की वजह से खुद को ही खाने लगता है आपका दिमाग

पाकिस्तान में बेनाम सामूहिक कब्रों के पास बिलखती महिलाएं कौन हैं...?

मिस वर्ल्ड 2025 ने 16 की उम्र में कैंसर से जीती थी जंग, जानिए सोनू सूद के किस सवाल के जवाब ने जिताया ओपल को ताज

ऑपरेशन सिंदूर पर निबंध: आतंकवाद के खिलाफ भारत का अडिग संकल्प, देश के माथे पर जीत का तिलक

सभी देखें

नवीनतम

मेरे पापा मेरी जान हैं, मेरे जीवन की पहचान हैं... फादर्स डे पर पापा को डेडिकेट करें ये 20 दिल छू लेने वाली शायरियां

दिल को रखना है हमेशा फिट और मजबूत? तो करें ये 3 योगासन, हेल्दी हार्ट के लिए हैं बेस्ट

59 की उम्र में खुद को जवान रखने के लिए मिलिंद सोमन खाते हैं ये सुपर फ्रूट , जानिए सेहत के लिए कैसे है फायदेमंद

पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के 11 वर्ष पूरे, जानिए कैसे बने नरेंद्र मोदी सफल लीडर, जरूर लें ये 5 खास टिप्स

देश को छोटा दिखाने का अपकर्म न करें

अगला लेख