बाल साहित्य : बड़े बेशरम

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
कचरा फेंका बीच सड़क पर, बड़े बेशरम।
टोकनियों में लाए भर-भर, बड़े बेशरम।
 

 
दफ्तर की सीढ़ी पर थूका, पान चबाकर।
बीड़ी फेंकी गलियारे में, धुआं उड़ाकर।
फेंकी पन्नी चौराहे पर, बड़े बेशरम।
 
मूंगफली खाकर छिलकों को छोड़ दिया है।
बीच सड़क पर एक पटाखा फोड़ दिया है।
कागज फेंके घर के बाहर बड़े बेशरम।
 
इतनी तेज चलाते गाड़ी डर लगता है।
चिड़ियाघर के जैसा आज शहर लगता है।
बीच सड़क पर मोबाइल पर बड़े बेशरम।
 
ऑफिस से आए हो घर में, हाथ न धोए।
चप्पल-जूते किचन रूम तक सर पर ढोए।
नहीं रहा अम्मा का अब डर, बड़े बेशरम।
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