कविता : भारत के वीर सपूत

सुशील कुमार शर्मा
तेईस मार्च को तीन वीर,
भारतमाता की गोद चढ़े।
स्वतंत्रता की बलवेदी पर,
तीनों के गर्वित शीश चढ़े।
 
रंगा बसंती चोला था,
भारत के वीर सपूतों ने।
माता का अपमान किया था,
उन गोरों की करतूतों ने।
 
नहीं सहन था भगत सिंह को,
भारत का सिर झुक जाना।
कुछ जीवन सांसों के बदले में,
स्वतंत्रता को बंदी रखना।
 
असेम्बली में बम फेंककर,
भगत सिंह ने जतलाया।
भारत के वीर सपूतों का,
छप्पन इंच सीना दिखलाया।
 
राजगुरु-सुखवीर शेर थे,
मौत को चले गए चुनने।
भारतमाता की खातिर,
फांसी को चूमा था उनने।
 
वीर भगत की हुई शहादत,
रोता हिन्दुस्तान था।
भारतमाता के चरणों में,
ये अनुपम बलिदान था।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

इस चाइनीज सब्जी के आगे पालक भी है फैल! जानें सेहत से जुड़े 5 गजब के फायदे

आइसक्रीम खाने के बाद भूलकर भी न खाएं ये 4 चीज़ें, सेहत को हो सकता है नुकसान

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है नारियल की मलाई, ऐसे करें डाइट में शामिल

लू लगने से आ सकता है हार्ट अटैक, जानें दिल की सेहत का कैसे रखें खयाल

जल्दी निकल जाता है बालों का रंग तो आजमाएं ये 6 बेहतरीन टिप्स

AC का मजा बन जाएगी सजा! ये टेंपरेचर दिमाग और आंखों को कर देगा डैमेज, डॉक्टरों की ये सलाह मान लीजिए

गर्मी में फलों की कूल-कूल ठंडाई बनाने के 7 सरल टिप्स

घर में नहीं घुसेगा एक भी मच्छर, पोंछे के पानी में मिला लें 5 में से कोई एक चीज

क्या कभी खाया है केले का रायता? जानें विधि

जीने की नई राह दिखाएंगे रवींद्रनाथ टैगोर के 15 अनमोल कथन

अगला लेख