हिन्दी कविता : शुभ-कामनाएं 2016

Webdunia
- डॉ. रामकृष्ण सिंगी


 
 
 
कामना है, सब सुखी हों,
इस नवागत वर्ष में। 
हर जन हो भागीदार,
अब देश के उत्कर्ष में।।
 
स्वच्छ भारत, सबल भारत,
उत्थान का नव-रवि बने।
संसार में एक आर्थिक शक्ति की,
सहिष्णुता की छवि बने।। 
 
अपने पड़ोसी देशों का,
एक सम्मिलित परिवार हो।
सुरक्षा-व्यापार में साझेदारी की
हर कल्पना साकार हो।।
 
ये गबन-भ्रष्टाचार की,
सब कहानियां विलुप्त हों।
नई पीढ़ी की ऊंची उड़ान के,
अनंत आकाश उन्मुक्त हों।।
 
नव-प्रकाश, नव-चिंतन, नव-प्रयास,
झलकें हमारे हर व्यवहार में।
समर्थ नेतृत्व के अनुसरण में भारत,
हो अग्रणी संसार में।।

 
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