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बाल गीत : पेड़ को है बंदगी

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प्रभुदयाल श्रीवास्तव

Tree
पेड़ ने जीवन दिया है,
पेड़ ने दी जिंदगी। 
पेड़ को शत-शत नमन है,
पेड़ को है बंदगी। 
 
पेड़ हैं तो प्राणवायु,
पेड़ हैं तो अन्न जल। 
पेड़ हैं तो आज सुन्दर,
पेड़ हैं तो सत्य कल। 
प्राण वायु दूर करती,
तन बदन से गंदगी। 
 
प्राण वायु से धरा पर,
गूंजतीं किलकारियां। 
प्राणवायु से लहकते,
पेड़ पौधे क्यारियां। 
पेड़ पौधे रोपने में,
क्यों रहे शर्मिंदगी। 
 
पेड़ पौधे गिरि समंदर, 
इस धरा की शान हैं। 
झील सरिता और सरवर,
जिंदगी के गान है। 
क्यों न हम सेवा करें इन,
सभी की ताजिंदगी।
 
(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)


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