बाल कविता : मेंढक को जुकाम

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
WD


बहुत तेज बारिश थी उस दिन,
मेंढक छाता लेकर आया।
बोला छाता रहने पर भी,
नहीं भीगने से बच पाया।

गरम चाय का प्याला लाकर,
अगर पिला दो मछली दीदी।
एक विदेशी बढ़िया टीवी।

अगर चाय के साथ नाश्ता,
तगड़ा मुझको करवा दोगी।
साठ लाख का बंगला मुझसे,
तुरत फुरत ही तुम पा लोगी।

और अगर तुम किसी तरह से,
पूरा भोजन करवा पाओ।
दस करोड़ के हीरे मोती,
मेरे बंगले से ले जाओ।

मछली बोली गप्प सड़ाकों,
से ही तू बदनाम हो गया।
कहने लगे लोग, मेंढक को भी
अब हाय जुकाम हो गया।

Show comments

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?