कहानी : बकरी की सहेलियां (दोस्ती की परख)

Webdunia
एक बार की बात है, एक बकरी थी। वो बहुत खुशी-खुशी अपने गांव में रहती थी। वो बहुत मिलनसार थी। बहुत सारी बकरियां उसकी सहेलियां थीं। उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। वो सभी से बात कर लेती थी और सभी को अपना दोस्त मान लेती थी।
 
सभी कुछ अच्छा चल रहा था। लेकिन एक बार वो बकरी बीमार पड़ी और इस कारण वह धीरे-धीरे कमजोर होने लगी इसलिए अब वो पूरा-पूरा दिन घर पर ही बिताने लेगी। बकरी ने जो खाना पहले से अपने लिए जमा करके रखा था, अब वो भी खत्म होते जा रहा था।
 
एक दिन उसकी कुछ बकरी सहेलियां उसका हाल-चाल पूछने उसके पास आईं, तब ये बकरी बड़ी खुश हुई। इसने सोचा कि अपनी सहेलियों से कुछ और दिनों के लिए वह खाना मंगवा लेगी। लेकिन वे बकरियां तो उससे मिलने के लिए अंदर आने से पहले ही उसके घर के बाहर रुक गईं और उसके आंगन में रखा उसका खाना घास-फूस खाने लगीं।
 
ये देखकर अब इस बकरी को बहुत बुरा लगा और समझ में आ गया कि उसने अपने जीवन में क्या गलती की? अब वो सोचने लगी कि काश! हर किसी को अपने जीवन का हिस्सा व दोस्त बनाने से पहले उसने उन्हें थोड़ा परख लिया होता है, तो अब इस बीमारी में उसकी मदद के लिए कोई तो होता।

ALSO READ: मांगो मत, ऊपर वाले को अपने हिसाब से देने दो

सम्बंधित जानकारी

Show comments

मोटापा और डायबिटीज के कारण बढ़ रहा है फैटी लिवर का खतरा, एक्सपर्ट से जानें बचाव के उपाय

सिर्फ पानी की कमी नहीं, इन 5 पोषक तत्वों की कमी से फटते हैं होंठ

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

गर्मियों में पैरों से आती है बदबू तो आजमाएं ये 11 उपाय

45 फीसदी डॉक्टर लिख रहे अधूरा पर्चा, 10% तो पूरी तरह गलत

लू लगने से आ सकता है हार्ट अटैक, जानें दिल की सेहत का कैसे रखें खयाल

प्रवासी कविता : बेटियां

Ram Navami 2024: रामलला के जन्मोत्सव पर बनाएं धनिये पंजीरी का प्रसाद, नोट करें विधि

Ram Navami 2024: रामलला का प्रसाद पंजीरी, जानें कैसे बनाते हैं?

कविता : श्रीराम होना चाहिए

अगला लेख