रात को जागने वाला उल्लू है समझदार!

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परीक्षा के दिनों में मुझे रात को देर तक पढ़ने की आदत रही है। सुबह जल्दी उठकर पढ़ना ठीक नहीं लगा। हो सकता है किसी-किसी को सुबह उठकर पढ़ना रात को पढ़ने से ज्यादा अच्छा लगता हो। पर माँ हमेशा मुझे डाँटती रहती थी कि सुबह उठकर पढ़ाई करोगे तो ज्यादा बातें दिमाग में रहेंगी।

वे हमेशा कहतीं कि सुबह का पढ़ा ही याद रहता है। अब पिछले दिनों इंटरनेट पर विज्ञान की खबरें देखते हुए यह पढ़ने को मिला कि उल्लू जो रात को जागता है और दिन में देर तक सोता है, सुबह जल्दी उठने वाले पक्षियों के मुकाबले ज्यादा अच्छा काम कर सकता है।

शोध करने वालों ने इस बात का पता चलते ही अध्ययन भी किया। इस बात को जाँचकर भी देखा और इसे ज्यादा सही पाया। बेल्जियम देश में यह अध्ययन किया गया। इसमें सुबह देर से उठने वालों और जल्दी उठने वालों को थोड़े से मुश्किल काम करने को दिए गए।

यह देखा गया कि जो लोग सुबह जल्दी उठे थे वे काम पर ज्यादा ध्यान नहीं लगा पाए। इन दोनों व्यक्तियों के सोने के घंटे एक जितने रखे गए थे। इसके बाद उन्होंने उल्लू और सुबह जल्दी जागने वाले परिंदों के मस्तिष्क पर नजर रखकर यह पता लगाया कि जल्दी जागने वाले परिंदे १० घंटे बाद ही थक जाते हैं और उनमें ज्यादा काम करने की ऊर्जा नहीं बचती जबकि उल्लू १० घंटे जागने के बाद भी अच्छे से काम करता रहता है। तो अब मुझे समझ आया कि माँ के कहे अनुसार सुबह जल्दी नहीं उठने पर भी मेरे नंबर इम्तिहान में ज्यादा क्यों आते रहे।

पिछले दिनों एआर रहमान के बारे में भी ऐसा ही कुछ पता चला था कि वे दिन के बजाय रात में संगीत तैयार करना ज्यादा ठीक मानते हैं। उन्हें लगता है कि दिन में शोरगुल में हमारी ऊर्जा बेकार जाती है जबकि रात में हम ज्यादा एकाग्रता से काम कर सकते हैं। अब यह तुम पर है कि तुम कब ज्यादा अच्छा महसूस करते हो।

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