गाने बजाने वाले ज्‍यादा बुद्धि‍मान

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स्कूलों में अब वार्षिकोत्सव की धूम रहेगी। ऐसे मौकों पर स्टूडेंट्स गायन और वादन की प्रस्तुति से सभी को इम्प्रेस करते हैं। गायन या वादन में रुचि रखने वाले स्टूडेंट्स को अपने इस शौक के कारण साल के बाकी समय घर वालों की डाँट भी सुनने को मिलती होगी या कई जगह इस रुचि को बढ़ावा भी दिया जाता होगा। खैर इन दिनों विज्ञान की दुनिया से जो खबर आई है वह वाद्ययंत्र बजाने वालों के पक्ष में है।

विज्ञान के विशेषज्ञ कहते हैं कि वाद्ययंत्र पर नियमित अभ्यास करने वाले अपने दूसरे साथियों के मुकाबले ज्यादा बुद्धिमान होते हैं। ऐसे संगीतज्ञों का आईक्यू भी दूसरों के मुकाबले 7 प्वाइंट्स तक ज्यादा होता है। वैज्ञानिक कहते हैं कि नियमित अभ्यास करने वालों में दिमाग का वह हिस्सा ज्यादा विकसित होता है जिससे संगीत सुना और समझा जाता है। इस हिस्से के विकसित होने के कारण न सिर्फ संगीत बल्कि दूसरी चीजों को समझना भी इन संगीत रसिकों के लिए आसान होता है।

वैज्ञानिक अपनी बात के समर्थन में कहते हैं कि संगीत सीखने से और भी कई फायदे हैं जैसे संगीत में नोट्स और बीट्स पकड़ने वाले स्‍टूडेंट अलर्ट रहना सीख जाते हैं। एक सुर के बाद अगला सुर क्‍या होगा इससे उन्‍हें प्‍लानिंग करना आ जाता है और संगीत के साथ उनकी भावनात्‍मक समझ भी बेहतर हो जाती है।

युनि‍वर्सि‍टी ऑफ ज्‍यूरि‍‍ख के मनोवैज्ञानि‍क लुत्‍ज जैक का कहना है कि‍ वाद्य यंत्र सीखने से बव्‍वों को पढ़ाई में एकाग्रता बनाए रखने में मदद मि‍लती है। वे कहते हैं कि‍ जब बच्‍चे संगीत के साथ भावों को समझना सीख जाते हैं तो उनके लि‍ए एक से ज्‍यादा फोरेन लैंग्‍वेज सीखना आसान हो जाता है, क्‍योंकि‍ तब वे भाषा की टोन से समझ जाते हैं कि‍ बात का मतलब क्‍या है।

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