सुनामी लहरों के बनने की कई वजह हो सकती है पर आमतौर पर यह किसी भूकंप की वजह से ही उत्पन्न होती हैं। इसके अलावा समुद्र किनारे या समुद्र के तल पर जमीन धँसने, ज्वालामुखी फटने, या अंतरिक्ष से किसी बड़ी उल्का के समुद्री क्षेत्र में गिरने से भी सुनामी का निर्माण होता है। इसके अलावा कभी कभी बहुत बड़े चक्रवात से भी सुनामी आ सकती ह ै|
धरती की ऊपरी परत फ़ुटबॉल की परतों की तरह आपस में जुड़ी हुई है या कहें कि एक अंडे की तरह से है जिसमें दरारें हों। ऊपरी सतह से लेकर अन्तर्भाग तक, पृथ्वी, कई परतों में बनी हुई है। पृथ्वी की बाहरी सतह ( outer surface) कई कठोर खंडों या विवर्तनिक प्लेट में विभाजित है जो क्रमशः कई लाख सालों में पूरे सतह से विस्थापित होती है। पृथ्वी की आतंरिक सतह एक अपेक्षाकृत ठोस ( mantle) व मोटी परत से बनी है।
इन सबके अंदर होता है एक कोर, जो एक तरल बाहरी कोर और एक ठोस लोहा का आतंरिक कोर ( inner core) से बनी हुई है। बाहरी सतह के जो विवर्तनिक प्लेट हैं वो बहुत धीरे-धीरे गतिमान हैं। यह प्लेट आपस में टकराते भी हैं और ए क- दूसरे से अलग भी होते हैं। ऐसी स्थिति में घर्षण के कारण भूखंड या पत्थरों में दरारें टूट सकती हैं। इस तेज हलचल के कारण जो शक्ति उत्सर्जित होती है, उससे भूकंप के रूप में तबाही मचाती है।
अकसर यह सुनामी लहरे तट तक पहुँचते-पहुँचते अपना असर खो देती है। पर किसी बड़े भूंकप के कारण उठी सुनामी लहरें समुद्री तट पर कहर बरपा देती हैं। विडंबना है कि जिस सटीकता से वैज्ञानिक भूकंप के बारे में भविष्यवाणी नहीं कर सकते वैसे ही सुनामी के बारे में भी बताना मुश्किल है।
साभार: भारतीय विज्ञान परिषद
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