...तो क्या सूर्य बनेगा प्रलय का कारण?

- वेबदुनिया विशेष

Webdunia
FILE
क्या 21 दिसंबर, 2012 को दुनिया 'काल के गाल' में समा जाएगी...? एक बार फिर भविष्यवाणियों, अनुमानों और दावों का दौर चल पड़ा है। इससे पहले भी 21 मई, 2011 को प्रलय की भविष्यवाणियां की गई थीं, लेकिन सब कुछ पहले की तरह ही चल रहा है। इन अनुमानों के माध्यम से लोगों में कहीं अनावश्यक भय तो पैदा नहीं किया जा रहा है?

अंधविश्वास और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित यह भविष्य आकलन कितने सही होते हैं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन हम रूबरू करा रहे हैं आपको प्रलय से जुड़ी उन मान्यताओं से, जिनका मानना है कि इस वर्ष के अंत में दुनिया नष्ट हो जाएगी।

हिंदू धर्म में ब्रह्मा को जन्म देने वाला, विष्णु को पालन करने वाला और शिव को मृत्यु देने वाला कहा गया है, लेकिन सूर्य में यह तीनों ही गुण समाहित है। सूर्य को वेदों में जगत की आत्मा कहा गया है। सूर्य से जहां जीवन की उत्पत्ति मानी गई है, वहीं सूर्य के बगैर जीवन चल भी नहीं सकता और इसी सूर्य की वजह से धरती पर तबाही होती रही है। विज्ञान मानता है ‍कि प्रत्येक 11 वर्ष में सूर्य पर हजारों-लाखों परमाणुओं जितना विस्फोट होता है। वेद भी कहते हैं, इसीलिए प्रत्येक 11 वर्ष बाद सिंहस्थ का आयोजन होता है।

वैज्ञानिक सूर्य पर लगातार शोध करते आए हैं और उनका कहना है कि सूर्य पर हो रही गतिविधियां चिंता का विषय है। आशंका है कि कहीं भयानक सौर तूफान धरती पर किसी भी तरह की तबाही के लिए जिम्मेदार हो सकता है। यह भी कि सूर्य जब अपनी चरम अवस्था में पहुंचेगा तभी वह पृथ्वी पर प्रलय ला सकने की स्थिति में होगा। दरअसल सूर्य एक तारा है। हर तारे की मौत तय होती है। जब सूर्य ही नहीं रहेगा तो धरती का अस्तित्व कैसे बरकरार रहेगा।

हालांकि सूर्य को इस अवस्था में आने में अभी अरबों वर्ष लगेंगे। आशंका जताई जाती है कि 2012 में सूर्य अपने चरम पर होगा और पृथ्वी झुलस जाएगी। इस दौरान सूर्य अपने चरम पर होगा, लेकिन यह हर 11 वर्ष में होने वाली सतत प्रक्रिया है। जिसे 'इलेवन इयर साइकल' के नाम से जाना जाता है।

हालांकि यह कोई नहीं जानता कि पृथ्वी पर जीवन का अंत कैसे होगा, लेकिन वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे पहले कि पांच अरब वर्ष में सूर्य पृथ्वी को जला डाले किसी ग्रह जैसे बुध या मंगल ग्रह के साथ टक्कर से हमारा ग्रह नष्ट हो सकता है।

हालांकि बहुत से विचारक मानते हैं कि धर्म और विज्ञान की बातें कभी स्थाई महत्व की नहीं होती है। यह सब अनुमान और कल्पनाएं हैं।...अगले भाग में पढ़ें...प्रलय पर वैज्ञानिक शोध क्या कहते हैं...

-( वेबदुनिया डेस्क)

Show comments

Sandeshkhali Case : नए वीडियो में दावा, BJP नेता ने सादे कागज पर कराए हस्‍ताक्षर, बलात्कार के झूठे मामले हुए दर्ज

हकीकत से दूर चरण दर चरण बदलते लोकसभा चुनाव के मुद्दे

स्वीटी और बेबी कहना हमेशा यौन टिप्पणियां नहीं होतीं: कलकत्ता उच्च न्यायालय

रविश कुमार ने हिंदू आबादी वाली रिपोर्ट पर उठाए सवाल, कहा गेम यहां हो रहा है

4 जून को I.N.D.I.A सरकार, राहुल बोले- 30 लाख नौकरियों के लिए 15 अगस्त से प्रक्रिया

Haryana Political Crisis : हरियाणा में संकट में सैनी सरकार, कांग्रेस और JJP ने किया राज्यपाल को लिखा पत्र

अमेठी गांधी परिवार की अमानत, मेरी जीत यानी उनकी जीत : किशोरी लाल शर्मा

करणी सेना अध्यक्ष सूरज पाल अम्मू ने भाजपा से दिया इस्तीफा

हिमंत विश्व शर्मा बोले, सत्‍ता में आए तो मुफ्त कराएंगे राम मंदिर की तीर्थयात्रा

Air India Express ने 25 कर्मचारियों का टर्मिनेशन वापस लिया, सिक लीव के बाद किया था बर्खास्त