क्या ब्लैक होल में सुनाई दे रही है ॐ की ध्वनि जानिए सच

Webdunia
सोमवार, 29 अगस्त 2022 (17:08 IST)
ब्लैक होल को कृष्‍ण वीवर कहते हैं। ब्लैक होल को हिन्दी में कृष्ण विवर कहते हैं। ब्लैक होल स्पेस में वह जगह है जहां भौतिक का कोई नियम काम नहीं करता। मतलब समय और स्थान का कोई मतलब नहीं है। यहां बस गुरुत्वाकर्षण और अंधकार है। यह हर गैलेक्सी के बीच में स्थित है। हाल में में सोशल मीडिया में यह प्रचारित किया जा रहा है कि क्या ब्लैक होल में सुनाई दे रही है ओम की ध्वनि। यह कितना सच है?
 
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ब्लैक होल की आवाज जारी की है। नासा ने कहा कि यह धारणा गलत है कि अंतरिक्ष में कोई ध्वनि नहीं है। सान से पर्सियस आकाशगंगा के समूह के केंद्र में स्थित ब्लैक होल की ध्वनि को खोजा है। 250 बिलियन प्रकाशवर्ष दूर क्लस्टर में गैस और प्लाजा से बढ़ने वाली वास्तविक ध्वनि तरंगों की खोज की है। यह गैलेक्सी अपने आप में करीब 1.1 करोड़ प्रकाश वर्ष चौड़ी है। इस गैलेक्सी में ऐसे कई ग्रुप्स पाए गए जिसमें गर्म गैस मौजूद है। एक गैलेक्सी क्लस्टर में इतनी गैस है कि वास्तविक ध्वनि पकड़ ली गई है। 
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The misconception that there is no sound in space originates because most space is a ~vacuum, providing no way for sound waves to travel. A galaxy cluster has so much gas that we've picked up actual sound. Here it's amplified, and mixed with other data, to hear a black hole! pic.twitter.com/RobcZs7F9e

— NASA Exoplanets (@NASAExoplanets) August 21, 2022 >
इस ब्लैक होल की आवाज में लोगों को ओम की ध्वनि सुनाई दे रही है। नासा ने एंप्लीपाइड और अन्य डाटा को मिलाकर इस आवाज को रिकॉर्ड किया है जिसे सुनकर ऐसा लगता है जैसे कि इसमें से ओम की ध्वनि निकल रही हो। नासा से इस ध्वनि को अपने ट्वीटर अकाउंट पर पोस्ट किया है जिसे सुनकर कई लोगों ने रीट्वीट करके दावा किया कि यह ओम की ध्वनि है। ओम शाश्वत ध्वनि है जो संपूर्ण ब्रह्मांड में व्याप्त है। हालांकि कई लोगों को यह ध्वनि भयानक लगी।
 
क यूजर ने लिखा है कि विज्ञान, हिन्दू ऋषियों से पीछे चल रहा है। विज्ञान ने आज जो खोजा है वह बहुत पहले ऋषियों ने खोज लिया था। वहीं. एक अन्य यूजर ने लिखा है कि ओम एक शाश्वत ध्वनि है। यह ब्रह्मांड में सभी जगह मौजूद है। हालांकि नासा ने यह नहीं कहा कि यह ध्वनि किससे मिलती जुलती है।
 
साल 2003 में पहली बार ब्लैक होल को ध्वनि से जोड़ा गया था और इसे रिसर्च के लायक मानकर उपयोग किया गया था। तब वैज्ञानिकों ने पाया था कि ब्लैक होल से पैदा होने वाला दबाव क्लस्टर की गर्म गैस में तरंग पैदा करता है। हालांकि, ये आवाज इतनी कम थी कि इंसानों को सुनाई नहीं देती है। खगोलीय डेटा का सोनिफिकेशन करके वैज्ञानिकों ने इसे बदलकर सुनने लायक बनाया है। दरअसर, नासा ने जो साऊंड जारी किया है वह एक कंपन है। 
 
- एजेंसी

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