Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सौरमंडल के जन्म के रहस्य से उठा पर्दा

हमें फॉलो करें सौरमंडल के जन्म के रहस्य से उठा पर्दा
, मंगलवार, 26 दिसंबर 2017 (16:30 IST)
वॉशिंगटन। अभी तक यह रहस्य बना हुआ था कि हमारे सौर मंडल का जन्म कैसे हुआ। एक नए अध्ययन में पता चला है कि एक विशालकाय लंबे समय से मृत तारे के आसपास हवा के बुलबुले बनने से हमारा सौर मंडल बना। ब्रह्मांड के बारे में कई रोचक खोजें होने के बावजूद वैज्ञानिक अब भी इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि आखिरकार हमारे सौर मंडल के जन्म की कहानी क्या है।

आमतौर पर यह कहा जाता है कि एक सुपरनोवा के समीप अरबों वर्ष पहले हमारा सौर मंडल बना। खगोलशास्त्र में सुपरनोवा किसी तारे के भयंकर विस्फोट को कहते हैं। नए अध्ययन के मुताबिक सौरमंडल का जन्म वॉल्फ रायेट स्टार नाम के एक विशालकाय तारे से शुरू होता है जो सूर्य के आकार से 40 से 50 गुना अधिक बड़ा है। जैसे ही वॉल्फ रायेट तारे का आकार फैलता है तो इसके चारों ओर से गुजरने वाली तारकीय हवा एक गहरे खोल के साथ बुलबुले बनाती है।

अमेरिका में शिकागो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर निकोलस डॉफास ने कहा कि ऐसे बुलबुले का खोल तारों को पैदा करने के लिए सही स्थान है क्योंकि धूल और गैस इसके अंदर फंस जाते हैं जहां वे तारों में बदल सकते हैं। एस्ट्रोफिजिकल पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार ऐसी तारकीय नर्सरियों में सूरज के जैसे एक से 16 फीसदी तारे बन सकते हैं। अंतरिक्ष की बाहरी कक्षा में धूल और गैस के बादल को तारकीय नर्सरी कहते हैं, जहां धूल और गैस के संपर्क में आने से तारे बनते हैं। (भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बड़ी खबर, गंगा की सफाई में निकला प्राचीन शिवलिंग