विश्व महासागर दिवस है पर आओ जानते हैं कि सागर, महासागर या समुद्र क्या है। समुद्र को सागर, पयोधि, उदधि, पारावार, नदीश, जलधि, सिंधु, रत्नाकर, वारिधि आदि नामों से भी पुकारा जाता है। अंग्रेजी में इसे सी (sea) कहते और महासागर को ओशन (ocean) कहते हैं। आओ जानते हैं महासागर के बारे में 10 रोचक जानकारी।
1. मात्र खारा पानी नहीं : पृथ्वी की सतह के 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में फैले समुद्र मूलत: खारे पानी का एक सतत निकाय हैं अर्थात इसका पानी पीने लायक जरा भी नहीं होता। कुछ देर इसमें नहाने के बाद आपका बदन चिपचिपा हो जाएगा। मनुष्य ज्यादा समय तक समुद्र के पानी में नहीं रह सकता। हालांकि इसके लिए उसने समुद्री सूट विकसित कर लिए हैं। फिर भी कहना होगा कि कुछ सागर का पानी मात्र खारा ही नहीं है कहीं-कहीं वह मीठा है, लेकिन पीने लायक नहीं।
2. कितने हैं समुद्र? पहले एक ही समुद्र था, फिर 3 हो गए और अब कई हैं। समुद्र को 'सागर' भी कहते हैं। सागरों से बड़े महासागर होते हैं और 3 ओर से घिरे समुद्र को खाड़ी कहते हैं। हालांकि सभी महासागर एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
3. महासागर : पृथ्वी का वह भाग, जो विशाल जलराशि (लवणीय जल) से घिरा हुआ है, महासागर कहलाता है। पृथ्वी का 70 प्रतिशत भाग महासागरों से घिरा है। प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिन्द महासागर, आर्कटिक महासागर तथा दक्षिणी महासागर कुल 5 महासागर हैं। प्रशांत महासागर तथा अटलांटिक महासागर का विस्तार उत्तरी गोलार्द्ध तथा दक्षिणी गोलार्द्ध दोनों जगह है इसलिए भूमध्य रेखा के उत्तर में स्थित उत्तरी प्रशांत महासागर तथा दक्षिण में स्थित दक्षिणी प्रशांत महासागर स्थित हैं। इस प्रकार कुल मिलाकर 7 महासागर या 7 समंदर हैं। उल्लेखनीय है कि अंटार्कटिका में बर्फीली जमीन के अंदर 400 से ज्यादा झीलें हैं।
4. सागर : लवणीय जल का वह बड़ा क्षेत्र, जो महासागर से जुड़ा हुआ हो, 'सागर' कहलाता है। कैस्पियन सागर सागर, मृत सागर, लाल सागर, उत्तर सागर, लापतेव सागर, भूमध्य सागर आदि अनेक।
5. गल्फ : जल का वह भाग, जो तीन तरफ स्थल भाग से घिरा हुआ हो, उसे 'गल्फ' कहते हैं। गल्फ व खाड़ी लगभग समानार्थी शब्द हैं। अरब की खाड़ी और बंगाल की खाड़ी का नाम ज्यादा प्रसिद्ध है।
6. हिन्दू शास्त्रों में समुद्र को 7 भागों में बांटा गया है- लवण का सागर, इक्षुरस का सागर, सुरा का सागर, घृत का सागर, दधि का सागर, क्षीर का सागर और मीठे जल का सागर। भारत के 3 ओर समुद्र है। आंध्रप्रदेश, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, गोवा, गुजरात, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु, पुडुचेरी, दमन और दीव तथा लक्षद्वीप समूह भारत के समुद्र तटवर्ती राज्य हैं।
7. समुद्र का जन्म : वैज्ञानिकों का अनुमान है कि समुद्र का जन्म आज से लगभग पचास करोड़ से 100 करोड़ वर्षों के बीच हुआ होगा है। दरअसल, धरती के विशालकाय गड्ढ़े पानी से कैसे भर गए यह अनुमान लगाना मुश्किल है। दूसरी ओर इतने विशालकाय गड्ढे कैसे निर्मित हुए यह भी एक बड़ा सवाल है। वैज्ञानिक कहते हैं कि जब पृथ्वी का जन्म हुआ तो वह आग का एक गोला थी। जब पृथ्वी धीरे-धीरे ठंडी होने लगी वे उसके चारों तरफ गैस के बादल फैल गए। ठंडे होने पर ये बादल काफी भारी हो गए और उनसे लगातार मूसलाधार वर्षा होने लगी। लाखों साल तक ऐसा होता रहा। पानी से भरे धरती की सतह के ये विशाल गङ्ढे ही बाद में समुद्र कहलाए।
8. समुद्र का विस्तार : पृथ्वी की 70.92 प्रतिशत सतह समुद्र से ढंकी है। इसका आशय यह हुआ कि पृथ्वी के लगभग 36,17,40,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में समुद्र है। विश्व का सबसे विशाल महासागर प्रशांत महासागर है जिसका क्षेत्रफल लगभग 16,62,40,000 वर्ग किलोमीटर है। यह विश्व के सभी महासागरों का 45.8 प्रतिशत है। प्रशांत महासागर के भीतर जल जंतुओं की एक रहस्यमयी दुनिया है जिस पर अभी भी खोज जारी है। शांत महासागर विश्व का सबसे गहरा सागर है। इसकी औसत गहराई 3939 मीटर है। महासागर को छोड़कर यदि हम सागर की बात करें तो विश्व का सबसे विशाल सागर दक्षिण चीन सागर है जिसका क्षेत्रफल 2974600 वर्ग किलोमीटर है।
9. समुद्री लहरों का रहस्य : समुद्र की लहरों को समुद्र विज्ञानी ही जानता है। समुद्र की लहरें 3 तरह से पैदा होती हैं। पहली समुद्र की सतह पर बहने वाली हवा, दूसरी चंद्रमा के कारण उत्पन्न हुआ ज्वार और तीसरी समुद्र के भीतर कहीं आया भूकंप। हवा या तूफान से उत्पन्न लहरें भूमि के पास उथले पानी में पहुंचने पर मंद पड़ने लगती हैं फिर भी कभी-कभी इनकी ऊंचाई 30 से 50 मीटर तक हो सकती हैं। अधिक ऊंची लहरें अस्थिर हो जाती हैं और अंतत: सागर तट पर झाग के रूप में टूटती हैं। 'सुनामी' नामक लहरें समुद्र तल पर आए भूकंप या भूस्खलन की वजह से उत्पन्न होती हैं और सागर के बाहर बमुश्किल ही दिखाई देती हैं, लेकिन किनारे पर पहुंचने पर ये लहरें प्रचंड और विनाशकारी रूप धारण कर लेती हैं। चंद्रमा से उत्पन्न लहरें भी कभी-कभी विनाशकारी साबित होती हैं। चंद्रमा के कारण दैनिक रूप से 2 बार उत्पन्न होती हैं- सुबह और शाम। यह घटना चंद्रमा द्वारा पृथ्वी पर लगाए जाने वाला गुरुत्व बल के कारण घटित होती है। इसके बाद अमावस्या को समुद्र शांत रहता है जबकि पूर्णिमा को अशांत।
10. समुद्री पहाड़ : समूची पृथ्वी पर पाए जाने वाले पर्वतीय श्रृंखलाओं में से एक है 70 हजार किलोमीटर लंबे समुद्र के भीतर का पर्वतनुमा क्षेत्र। समूचे समुद्र में ऐसे करीब 1 लाख बड़े पर्वतनुमा क्षेत्र हैं। धरती पर सबसे ऊंचा पर्वत माउंट एवरेस्ट है, जो नेपाल-भारत-तिब्बत सीमा पर है और इसकी चोटी समुद्र तल (लेवल) से 8,850 मीटर ऊंची है। लेकिन समुद्र के भीतर इससे भी ऊंचा एक पर्वत है जिसे मौना कीआ माउंटेन कहते हैं।