केतु यदि है 8th भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य

अनिरुद्ध जोशी
शुक्रवार, 10 जुलाई 2020 (10:54 IST)
कुण्डली में राहु-केतु परस्पर 6 राशि और 180 अंश की दूरी पर दृष्टिगोचर होते हैं जो सामान्यतः आमने-सामने की राशियों में स्थित प्रतीत होते हैं। केतु का पक्का घर छठा है। केतु धनु में उच्च और मिथुन में नीच का होता है। कुछ विद्वान मंगल की राशि में वृश्चिक में इसे उच्च का मानते हैं। दरअसल, केतु मिथुन राशि का स्वामी है। 15ए अंश तक धनु और वृश्चिक राशि में उच्च का होता है। 15ए अंश तक मिथुन राशि में नीच का, सिंह राशि में मूल त्रिकोण का और मीन में स्वक्षेत्री होता है। वृष राशि में ही यह नीच का होता है। लाल किताब के अनुसार शुक्र शनि मिलकर उच्च के केतु और चंद्र शनि मिलकर नीच के केतु होते हैं। लेकिन यहां केतु के आठवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें, जानिए।
 
कैसा होगा जातक : मौत को भांप लेने वाला ‍कुत्ता। औलाद देरी से होगी। जीवन में छलावा हो सकता है। मंगल के घर में केतु का होना शुभ नहीं होता लेकिन यदि शुभ है तो जातक को चौंतीस साल की उम्र में अथवा जातक की बहन या पुत्री की शादी के बाद पुत्र की प्राप्ति होती है और यदि चंद्रमा दूसरे, बृहस्पति या मंगल छठवें या बारहवें घर में हों तो केतु अशुभ परिणाम नहीं देता।  
 
यदि इस भाव में केतु अशुभ होगा तो जातक की पत्नी बीमार रहेगी। पुत्र का जन्म नहीं होता, यदि होता है तो मृत्यु की संभावना है। जातक मधुमेह या मूत्ररोग से ग्रस्त होता है। छब्बीस साल की उम्र के बाद वैवाहिक जीवन में परेशानियां आती हैं। यदि शनि अथवा मंगल सातवें घर में हो तो जातक दुर्भाग्यशाली होता है। जातक का चरित्र पत्नी की सेहत पर निर्भर रहता है।
 
5 सावधानियां :
1. चरित्रवान बनें। चाल-चलन ठीक रखें।
2. उधार न दें।
3. गुप्तांगों की बीमारी से बचें।
4. पत्नी व संतान से संबंध बनाकर रखें और उनकी सेहत पर ध्यान दें।
5. किसी भी प्रकार का व्यसन न करें।
 
क्या करें : 
1. प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें।
2. माथे पर केसर का तिलक लगाएं।
3. कान में सोना पहनें।
4. भगवान गणेश की पूजा करें।
5. काले व सफेद रंग का दोरंगी कंबल दान करें।
6. प्रतिदिन कुत्ते को रोटी खिलाते रहें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीजें, रह जाएंगे भोलेनाथ की कृपा से वंचित

सूर्य की शत्रु ग्रह शनि से युति के चलते 4 राशियों को मिलेगा फायदा

असम में मौजूद है नॉर्थ ईस्ट का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, महाशिवरात्रि पर उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब

Mahashivaratri 2025: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, आरती और कथा सभी एक साथ

सभी देखें

नवीनतम

जानकी जयंती 2025: माता सीता का जन्म कब और कैसे हुआ था?

Mahashivratri 2025: कैसे करें महाशिवरात्रि का व्रत?

Aaj Ka Rashifal: इन 5 राशियों को मिलेगा आज कारोबार में अपार धनलाभ, पढ़ें 17 फरवरी का दैनिक भविष्यफल

17 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

17 फरवरी 2025, सोमवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख