वृषभ राशि वालों के लिए सलाह

अनिरुद्ध जोशी
अक्षर तालिका : इ, ऊ, ए, ओ, वा, वी, बू, वे, वू, वो।
राशि विशेषता : संगीत, कला और सौंदर्य।
 
 
वृषभ (Taurus) का स्थान मुख में होता है। इसके कारक ग्रह बुध, शुक्र और शनि माने गए हैं। पृथ्वी तत्व प्रधान वृषभ राशि का स्वामी शुक्र है। भाग स्थिर है और वृषभ लग्न की बाधक राशि वृश्चिक तथा बाधक ग्रह मंगल है। लेकिन लाल किताब अनुसार शत्रु और मित्र ग्रहों का निर्णय कुंडली अनुसार ही होता है।

 
लाल किताब अनुसार दूसरे भाव में वृषभ राशि मानी गई है जिसके शुक्र का पक्का सातवाँ भाव माना जाता है। और लाल किताब अनुसार की कुंडली अनुसार शुक्र के खराब या अच्छा होने की कई स्थितियाँ हैं। यदि आप वृषभ राशि के जातक हैं तो आपके लिए यहाँ लाल किताब अनुसार सामान्य सलाह दी जा रही है।

 
अशुभ की निशानी : अँगूठे में किसी भी प्रकार की कोई चोट या रोग हो जाए। अगूँठे में अनावश्यक दर्द बना रहे। चर्म रोग होता है। पत्नी को कष्ट। अत्यधिक खुजली या त्वचा रोग हो सकता है। कई और भी लक्षण बताए जाते हैं।
 
 
सावधानी व उपाय : लाल किताब शुक्र के सम्बन्ध में मन और इन्द्रियों को नियंत्रित रखने पर विशेष बल देता है। वादा करके मुकरे नहीं। किसी को अनावश्यक परेशान न करें। प्रतिदिन शाम को घी का दीपक जलाएँ। रोज भलाई का कोई कार्य करें। बैठक कमरे में मनी-प्लांट लगाएँ। चाँदी का सिक्का अपने पास रखें।
 
 
स्वप्न दोष होता हो तो अपने खाने में से गाय को प्रतिदिन कुछ हिस्सा अवश्य दें। ज्वार दान करें। नि:सहाय व्यक्ति का पालन-पोषण का जिम्मा भी ले सकते हैं। शुक्रवार का व्रत रखकर लक्ष्मी की उपासना करें। सात प्रकार के अनाज और चरी का दान करना चाहिए।

 
चतुर्थ भाव में शुक्र मंदा होने पर लाल किताब अनुसार पत्नी से दो बार शादी करने की सलाह दी जाती है। धन एवं संतान के लिए स्त्री को बालों में सोने की क्लिप लगाकर रखना चाहिए। खाना नम्बर 6 में शुक्र मंदा होने पर संतान हेतु अंगों को दूध से धोना चाहिए। जरूरी नहीं है कि सभी उपाय करें। सुविधा और आवश्यकता अनुसार उपाय कर सकते हैं। उपाय लाल किताब के जानकार से पूछकर ही करें।
 

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