Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Lal Kitab Kumbha rashi upay 2026: कुंभ राशि के जातकों के लिए लाल किताब के अचूक उपाय, केतु करेगा दांपत्य जीवन में डिस्टर्ब

Advertiesment
हमें फॉलो करें Lal Kitab Remedies for Aquarius 2026

अनिरुद्ध जोशी

, शुक्रवार, 5 दिसंबर 2025 (14:58 IST)
Lal Kitab Kumbha rashi upay 2026: वर्ष 2026 में कुंभ राशि वाले यदि सप्तम भाव के केतु से बचकर रहते हैं तो फिर साल 2026 उनके लिए खुशियों की झोली भरकर लाया है। बृहस्पति वर्ष 2026 में पंचम, छठे और सातवें भाव में गोचर करेगा। शनि दूसरे भाव में और राहु प्रथम अर्थात लग्न में रहेगा। राहु और केतु के कारण आपको चरित्र से उत्तम बना रहना जरूरी है। वर्ष 2026 आपके लिए मिश्रित फलदायी है। जहां बृहस्पति आपको करियर और दांपत्य जीवन में उन्नति देंगे, वहीं राहु और केतु आपसे मानसिक स्पष्टता और आचरण की शुद्धता की मांग करेंगे। शनि आपसे धन और परिवार के मामलों में गंभीरता और मेहनत की अपेक्षा रखेंगे। चलिए अब जानते हैं कुंभ राशि का वार्षिक उपाय।
 
कुंभ राशि के लिए लाल किताब के सटीक उपाय 2026: Lal Kitab Remedies 2026 for Aquarius
वर्ष 2026 को शुभ बनाने और नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए लाल किताब के निम्नलिखित उपायों को नियमित रूप से करें:
 
1. नमक: गुरुवार का उपवास करें और उस दिन सूर्यास्त तक नमक का सेवन न करें।
 
2. हल्दी के उपाय: गुरुवार के दिन, दिन में हल्दी का दूध पीएँ। नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाकर स्नान करें। हल्दी और चने की दाल का दान करें, खासकर जरूरतमंदों को।
 
3. तिलक: शनि हेतु: 43 दिन तक नंगे पांव मंदिर जाएं और दही या दूध का तिलक धारण करें।
 
4. चांदी की चेन: गले में चांदी पहनें या बहते पानी में नारियल बहाएं।
 
5. खटाई: शुक्रवार के दिन खटाई (जैसे नींबू, इमली) न खाएं और नित्य केसरिया तिलक धारण करें।
 
6. अंधों को भोजन: वर्ष में कम से कम 2 बार शनिवार के दिन 10 अंधों को खाना खिलाएं।
 
7. बिल्वपत्र का पौधा: वर्ष की शुरुआत में ही आप किसी मंदिर में बिल्वपत्र का पौधा जरूर लगा आएं।
 
इन उपायों को श्रद्धापूर्वक करने से आप वर्ष 2026 में आने वाली चुनौतियों का सामना कर पाएंगे और करियर, धन तथा दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त कर पाएंगे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Paush month: पौष मास का महत्व और पौराणिक कथा