लाल किताब अनुसार मात्र 5 उपाय से हो जाएगा मंगल दोष खत्म

अनिरुद्ध जोशी
पहले यह जाना जरूरी है कि मंगल दोष क्या होता है। जब किसी कुण्डली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में मंगल होता है तब मंगलिक दोष लगता है। इस दोष को विवाह के लिए अशुभ माना जाता है। लेकिन लाल किताब के अनुसार दो तरह के मंगल होते हैं मंगलबद और मंगलनेक।
 
 
मंगलबद अर्थात बुरा मंगल और मंगलनेक अर्थात अच्छा मंगल। बुरे मंगल से व्यक्ति के जीवन में बुरा ही होता है और अच्छे से अच्‍छा। कहते हैं कि मंगलबद वाला व्यक्ति क्रोधी, जिद्दी और अपराधी प्रवृत्ति का होता है। मंगलनेक वाला व्यक्ति समझदार, साहसी और उच्चपद प्राप्त होता है।
 
 
मान्यता है कि 28 वर्ष की उम्र के बाद मंगल दोष स्वत: ही समाप्त हो जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यदि केंद्र में चंद्र है तो मंगल दोष नहीं माना जाएगा। मंगल परिहार की ओर भी कई स्थितियां हैं। ज्योतिष विद्या के अनुसार मंगल लड़की का विवाह मंगल लड़के से ही करना चाहिए लेकिन मंगल और शनि का मिलान हो अर्थात लड़की की कुंडली में शनि भारी हो तो मंगल दोष समाप्त हो जाता है। लेकिन लाल किताब के अनुसार मंगल और शनि का मिलान नहीं होता है। खैर जो भी हो यदि आपको लगता है कि कुंडली में मंगल दोष है या मंगलबद है तो लाल किताब के अनुसार उसके यहां पांच अचूक उपाय बताए जा रहे हैं। हालांकि उपरोक्त पांच के अलावा उपर भी उपाय होते हैं लेकिन यह सामान्य उपाय हैं।
 
 
पहला उपाय-
लाल किताब के अनुसार मंगल का असर आंखों और खून में होता है। इसलिए इनको अच्छा करना जरूरी है। इसके लिए आंखों में सफेद सूरमा लगाएं और हमेशा पेट साफ रखें। इससे खून भी साफ रहेगा। सफेद सुरमा नहीं मिले तो काला सूरमा लगाएं। खासकर मंगलवा और शनिवार को जरूर सूरमा लगाकर रखें। ऐसा आप कम से कम 43 दिन तक करें। सुरमा लगाने से जहां व्यक्ति किसी की नजर से बच जाता है वहीं उसकी आंखें भी तंदुरुस्त रहती हैं।
 
 
दूसरा उपाय-
लाल किताब के अनुसार भाई छोटा हो या बड़ा, सौतेला हो या सगा आपका भाई मंगल है। भाई को खुश रखेंगे तो मंगल सही रहेगा। भाई से दुश्मनी अर्थात मंगल खराब। इसलिए हमेशा अपने भाई का ध्यान रखें। छोटा है जो उसकी गलतियों को क्षमा करने उसे प्यार से समझाएं और बड़ा है तो उससे मुहंजोरी ना करें।
 
 
तीसरा उपाय-
मंगल की दिशा पश्चिम है। घर के दक्षिण में नीम का पेड़ लगाएं। पेड़ नहीं लगा सकते हैं तो नीम के पेड़ में हर मंगलवार को जल चढ़ाएं।
 
 
चौथा उपाय-
प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। दो तीन माह में एक बार हनुमानजी को चोला चढ़ाएं। प्रति मंगलवार और शनिवार को हनुमान मंदिर में जाकर दीपक या धूप जरूर जलाएं। हनुमानजी के शरण में रहे से मंगल ही नहीं शनि, राहु और केतु के दोष भी समाप्त हो जाते हैं।
 
 
पाचवां उपाय-
मांस खाना छोड़ दें। कभी कभार खाते हैं तो भी छोड़ दें। घर से बाहर निकलते समय गुड़ खाना चाहिए। गुड़ खाएं और खिलाएं। इससे खून साफ होगा। खून साफ होगा तो मंगल दोष भी समाप्त हो जाएगा। गुड़ और चले का सेवन करें और इन्हें हनुमान जी को चढ़ाएं।

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