चंद्रमा वृषभ में उच्च, वृश्चिक में नीच का होता है। लाल किताब में चौथे भाव में चंद्रमा बली और दसवें भाव में मंदा होता है। शनि की राशियों में चंद्र बुरा फल देता है। लेकिन यहां दूसरे घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
कैसा होगा जातक : पहाड़ी झरना। पढ़ाई, माता या खानदानी जायजाद, दोनों में से किसी एक का सुख। माता के जीते जी शिक्षा अच्छी रहेगी। चंद्र का कारोबार मंदा रहेगा। घर में मंदिर का होना अशुभ है। ऐसे व्यक्ति की बहन के होने की कोई ग्यारंटी नहीं। लेकिन यदि ऐसा नहीं होता तो जातक की पत्नी के भाई अवश्य होते हैं।
जातक को पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिलने की संभावना है। यहां स्थित चंद्रमा जातक के वंश को बढ़ाता है। जातक अच्छी शिक्षा प्राप्त करता है जिससे चलते भाग्योदय में सहयोग मिलता है। चंद्रमा की चीजों से जुड़े व्यवसाय लाभप्रद साबित होंगे। चंद्र के साथ केतु या बारहवें भाव में स्थित केतु यहां के चंद्रमा को ग्रहण लगाने वाला रहेगा जो जातक को अच्छी शिक्षा या पुत्र से वंचित कर सकता है।
चंद्र की सावधानियां :
1. माता को किसी भी प्रकार से नाराज ना करें।
2. घर में कच्ची मिट्टी का स्थान होना चाहिए।
3. घर के भीतर मंदिर का होना जातक की पुत्र प्राप्ति में बाधक हो सकता है।
4. भाइयों से अच्छे संबंध रखें।
5. पत्नी का विशेष ध्यान रखें।
क्या करें :
1. चावल, दूधा या चांदी का दान करें।
2. घर में नदी का पानी रखें।
3. लगातार 43 दिनों तक कन्याओं (छोटी लड़कियों) को हरा कपडा बांटें।
4. लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर चांदी का एक चौकोर टुकड़ा अपने घर की नीव में दबाएं।
5. गुरुवार का व्रत करें।