अंगूठी पहन रखी है तो जानिए 12 सावधानियां

अनिरुद्ध जोशी
सोमवार, 9 मार्च 2020 (15:10 IST)
लाल किताब कहती है रत्न शुभ फल देने की शक्ति रखता है तो अशुभ फल देने की भी इसमें ताकत है। रत्नों के नाकारात्मक फल का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए रत्नों को धारण करने से पहले कुछ सावधानियों का भी ध्यान रखना जरूरी होता है। अंगूठी पहनना आपके लिए घातक भी हो सकता है। कई लोगों के हाथ में या कुंडली में गुरु अच्‍छा है तब भी पुखराज पहन लेते हैं। जरूरी नहीं कि गुरु उच्च का या नीच का हो तो ही पुखराज पहनें। आओ जानते हैं 12 सावधानियां।
 
 
1. चंद्र 12वें या 10वें घर में है तो मोती नहीं पहनना चाहिए।
 
2. राहु 12वें, वें11, 5वें, 8वें या 9वें स्थान पर हो तो गोमेद नहीं पहनना चाहिए।
 
3. तीसरे और छटे भाव में केतु है तो लहसुनिया नहीं पहनना चाहिए।
 
4. बुध तीसरे या 12वें हो तो पन्ना नहीं पहनना चाहिए।
 
5. शनि लग्न, पंचम या 11वें स्थान पर हो तो नीलम नहीं।
 
6. तीसरे, पांचवें और आठवें स्थान पर शुक्र हो तो हीरा नहीं पहनना चाहिए।

 
7. धनु लग्न में यदि गुरु लग्न में है तो पुखराज या सोना केवल गले में ही धारण करना चाहिए हाथों में नहीं। यदि हाथों में पहनेंगे तो ये ग्रह कुंडली के तीसरे घर में स्थापित हो जाएंगे।
 
9. कुंडली में सूर्य, शुक्र और बुध मुश्तर्का हो तो खालिस चांदी का छल्ला मददगार होगा। लेकिन जब बुध और राहु हो तो छल्ला बेजोड़ खालिस लोहे का होगा।
 
10. बुध यदि 12वें भाव में हो या बुध एवं राहु मुश्तर्का या अलग अलग भावों में मंदे हो रहे हों तो यह छल्ला जिस्म पर धारण करेंगे तो मददगार होगा, हाथ में धारण करने से नुकसान होगा।
 
12. वारवां भाव, खाना या घर राहु का घर भी है। खालिस लोहे का छल्ला बुध शनि मुश्तर्का है। बुध यदि 12वें भाव में है तो वह 6टें अर्थात खाना नंबर 6 के तमाम ग्रहों को बरबाद कर देता है। अक्ल (बुध) के साथ अगर चतुराई (शनि) का साथ नंबर 2-12 मिल जावे तो जहर से मरे हुए के लिए यह छल्ला अमृत होगा।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

सत्य शिव हैं, अनंत शिव हैं...हर मन में बसे भगवंत शिव हैं, भक्ति से सराबोर सावन की शुभकामनाएं

पृथ्वी की नाभि पर स्थित है यह दिव्य ज्योतिर्लिंग जहां काल भी मान लेता है हार, जानिए महाकालेश्वर के अद्भुत रहस्य

कावड़ यात्रा कितने प्रकार की होती है? जानें इसके विभिन्न रूप और महत्व

सिर्फ धातु के ही नहीं, श्रावण में इन 10 प्रकार के शिवलिंगों के पूजन से चमकेगा आपका भाग्य

सावन मास प्रारंभ, जानिए कितने सोमवार, कितने प्रदोष और पूजा के शुभ मुहूर्त, विधि, रुद्राभिषेक के साथ 5 अचूक उपाय

सभी देखें

नवीनतम

16 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

16 जुलाई 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

अगर नहीं जा पा रहे कावड़ यात्रा, तो घर पर ऐसे करें शिवजी की पूजा

कर्क राशि में सूर्य का गोचर, 5 राशियों को रहना होगा सतर्क

क्या शिवजी को भांग चढ़ती है?

अगला लेख