वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह मीन में उच्च और कन्या में नीच का होता है। लाल किताब में सप्तम भाव शुक्र का पक्का घर है। सूर्य और चंद्र के साथ या इनकी राशियों में शुक्र बुरा फल देता है। लेकिन यहां पहले घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
कैसा होगा जातक : इसे रंग-बिरंगी दुनिया मानों। यदि शुक्र पहले खाने में है तो ऐसा व्यक्ति रुपवान और विलासी रहता है। गायन, वादन और चित्रकला में रुचि रहती है। इसके शुभ या अशुभ होने की स्थिति शनि पर निर्भर है। फिर भी व्यक्ति के कामकाज पर इसका असर नहीं पड़ता। शनि यदि अच्छा है तो व्यक्ति की कमाई अच्छी होगी और उसकी पत्नी रानी होगी। लेकिन यहां शुक्र मंदा हो रहा है तो पत्नी बीमार रहेगी।
कमाई शुरू करने से पहले ही जातक की शादी हो जाती है। ऐसा जातक हमउम्र लोगों का नेता भी बन सकता है, लेकिन परिवार के सदस्यों का नेतृत्व करना मुसीबतों का कारण बनता है। ऐसा जातक कपडों के व्यापार से बहुत लाभ कमा सकता है। आमतौर पर ऐसे जातक की रुचि धार्मिक गतिविधियों में नहीं होती। जब वर्षफल में शुक्र सातवें भाव में आता है तो यह जीर्ण ज्वर और खूनी खांसी का कारण बनता है।
5 सावधानियां :
1. 25 वर्ष की उम्र में शादी न करें।
2. दिन के समय सेक्स करने से बचें।
3. हमेशा दूसरों की सलाह लेकर ही किसी नए काम की शुरुआत करें।
4. पत्नी की सेहत और उसकी इच्छाओं का ध्यान रखें।
5. शुक्र एक के वक्त यदि पहले या सातवें खाने में राहु, चंद्र, सूर्य हो तो पराई स्त्री पर नजर न रखें।
क्या करें :
1. काले रंग की गाय की सेवा करें।
2. दही से स्नान करें। खासकर शुक्रवार को।
3. लक्ष्मी की उपासना करें। सफेद वस्त्र दान करें।
4. शुक्रवार का व्रत रखें। खटाई न खाएं।
5. शरीर को जरा भी गंदा न रखें। सुगन्धित इत्र या सेंट का उपयोग करें। पवित्र बने रहें।