Dharma Sangrah

Franklin Templeton : बंद योजनाओं से कंपनी को मिले 8302 करोड़ रुपए

Webdunia
शनिवार, 17 अक्टूबर 2020 (17:48 IST)
नई दिल्ली। साझा कोष कंपनी फ्रैंकलिन टेम्प्लेटन ने शनिवार को बताया कि उसने अपनी जिन 6 बांड निवेश योजनाओं को बंद कर रखा है, उनमें उसे अप्रैल से अब तक 8,302 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई है। कंपनी के अनुसार, यह प्राप्ति परिपक्व निवेश, समय पूर्व भुगतान और निवेश पर निर्धारित ब्याज के रूप में हुई है।

फ्रैंकलिन टेम्प्लेटन ने बांड बाजार नकदी प्रवाह के संकट के बीच गत 23 अप्रैल को इन योजनाओं को बंद कर दिया था। इसके चलते यूनिटधारकों का यूनिटों का विमोचन भी रुक गया।

साझा कोष कंपनी ने एक बयान में कहा कि 24 अप्रैल से 15 अक्टूबर तक इन छह योजनाओं में परिपक्वता, समय पूर्व भुगतान और कूपन (अंकित ब्याज) के रूप में 8,302 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं।

उसने कहा कि इस धन का कुछ हिस्सा कर्ज के भुगतान में इस्तेमाल किया गया है। उसके बाद इनमें 5,116 करोड़ रुपए की राशि बची हुई है। इससे चार शुद्ध सकारात्मक नकदी प्रवाह वाली बांड निवेश योजनाओं- फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शर्ट बांड फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनमिक एक्रूअल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड को उनके यूनिट निवेश के बदले चुकाया जा सकता है। इसमें कंपनी कोष को चलाने के अपने खर्च का समायोजन करेगी।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

इंडिगो के शेयरों में भूचाल, क्यों बिकवाली कर रहे निवेशक?

आखिर क्या है मरीज के फेफड़ों में जिंदा कॉकरोच का सच

बुरे फंसे तेजप्रताप, सहयोगी ने लगाया मारपीट का आरोप, नंगा कर वीडियो भी बनाया

हमें 'सैंडविच' नहीं, सम्मान चाहिए, क्यों भारतीय विमान यात्री यूरोप की तरह मुआवजे के हकदार नहीं?

बेटी से एयर इंडिया ने लिया 41,000 रुपए किराया, JDU नेता केसी त्यागी ने गुस्से में दी धमकी

सभी देखें

नवीनतम

IndiGo ने दिया DGCA के कारण बताओ नोटिस का जवाब, 7वें दिन भी देरी और कैंसिलेशन से परेशान हुए यात्री

जापान में 7.6 तीव्रता का भूकंप, सुनामी की चेतावनी जारी

Goa nightclub blaze : हादसे वाले दिन ही Indigo विमान से विदेश भाग गए थे नाइट क्लब के मालिक, गोवा पुलिस ने मांगी इंटरपोल की मदद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार का सामाजिक सुरक्षा मॉडल बना मिसाल

घुसपैठियों पर योगी का यूपी वासियों को खत, कहा- गैर जरूरी बोझ की समाप्ति भी जरूरी

अगला लेख