एयर इंडिया को शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने पर विचार

Webdunia
बुधवार, 13 जून 2018 (17:56 IST)
नई दिल्ली। 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज में डूबी सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया विफल रहने के बाद अब सरकार इसे शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने पर विचार कर रही है।
 
 
एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया के जानकार एक सरकारी सूत्र ने बताया कि नए सिरे से विनिवेश प्रक्रिया शुरू करने के लिए विभिन्न मॉडलों पर विचार किया जा रहा है जिसमें एक इसे शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने का भी है।
 
उन्होंने कहा कि शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के जरिए कुछ हिस्सेदारी बेची जा सकती है। इसके बाद शेयरों के दाम बढ़ने पर सरकार और हिस्सेदारी बेचकर घाटे में चल रही कंपनी को मुनाफे में ला सकती है। सूत्र का कहना है कि इससे नियंत्रण भी सरकार के पास रहेगा और एयरलाइंस मुनाफे में भी आ जाएगी।
 
उल्लेखनीय है कि एयर इंडिया में रणनीतिक विनिवेश के तहत सरकार ने इसकी 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव रखा था। इसके लिए बोली प्रक्रिया के तहत 31 मार्च तक अभिरुचि पत्र मंगाए गए थे, लेकिन एक भी बोली प्रदाता के सामने नहीं आने के बाद विनिवेश प्रक्रिया विफल हो गई।
 
अब आगे क्या कदम उठाना है इसके बारे में फैसला कंपनी के विनिवेश के लिए बने मंत्रियों के समूह को करना है जिसके अध्यक्ष वित्तमंत्री हैं। सूत्र ने बताया कि अभी अन्य विकल्प भी खुले हुए हैं, लेकिन उनके साथ-साथ शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। (वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

पूर्व प्रधानमंत्री का पोता बलात्कार मामले में दोषी, कोर्ट में रो पड़ा प्रज्वल, अब सजा का इंतजार

निमिषा प्रिया की फांसी रद्द होने की खबरों का सच, विदेश मंत्रालय ने बताई हकीकत

'रमी' खेलने वाले मंत्री कोकाटे को मिला नया विभाग

किससे है गंगा के ग्रीष्मकालीन प्रवाह का संबंध, IIT रुड़की के रिसर्च में हुआ खुलासा

राहुल गांधी बोले, वोट चोरी करवा रहा है चुनाव आयोग, हमारे पास सबूत

सभी देखें

नवीनतम

क्यों तेजी से इस धर्म को छोड़ रहे लोग, कैसी है हिन्दुओं की हालत, जानिए किन देशों में बढ़े धर्मपरिवर्तन के मामले

टैरिफ लगाने वाले अमेरिका के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं भारत और भारतीय?

क्या होता है टैरिफ?, ट्रंप के फैसले से भारत पर क्या पड़ सकता है असर?

ग़ाज़ा: भोजन की आस में इंतज़ार के दौरान लगभग 1,400 फ़लस्तीनियों की मौत

अगला लेख