नोटबंदी से रियल एस्टेट को झटका, फ्लैटों की कीमत में गिरावट

Webdunia
सोमवार, 5 दिसंबर 2016 (10:42 IST)
नई दिल्ली। करीब दो साल से मंदी से गुजर रहा रियल एस्टेट कारोबार में नोटबंदी के बाद अब और तेजी गिरावट आाने लगी है। 500 और 1000 रुपए के नोट बंद होने के फैसले को काला धन समाप्त होने के तौर पर देखा जा रहा है। इस लिहाज से अब महंगे फ्लैट्स खरीदने वाले कम मिलेंगे। बताया जा रहा है कि बिल्डरों ने फ्लैटों की कीमत 30 फीसदी तक कम कर दी है, बावजूद खरीदार नहीं मिल रहे हैं।
फ्लैटों की बिक्री नहीं हो रही है, क्योंकि लोगों के पास कैश नहीं है। दामा गिरने के बाद रियल एस्टेट में निवेश यह सही समय है। रियल एस्टेट सेक्टर में इतना काला धन लगा है कि इसके कारण फ्लैट और प्लॉट की कीमतें काल्पनिक तरीके से बढ़ी हैं। दूसरी ओर स्टॉम ड्यूटी से भी इस कारोबार में दाम आसमान पर चले गए थे। माना जा रहा है कि काला धन नहीं होगा तो इनकी असल कीमत सामने आएगी। इससे प्रॉपर्टी के दाम और भी कम होंगे, लेकिन स्टॉम ड्यूटी बढ़ती रही तो आम लोगों को इस गिरावट से कोई फायदा नहीं होगा।
 
हालांकि बताया जा रहा है कि दिल्ली में फ्लैट की बिक्री नहीं होने के कारण उसके दाम 30 प्रतिशत घट गए है। पिछले साल भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र, खासकर आवासीय संपत्तियों के बाजार ने सबसे बुरा दौर देखा है। कम बिक्री के कारण प्रॉपर्टी के दाम भी गिर गए हैं और अनबिके फ्लैटों की संख्या बेतहाशा बढ़ गई है।  
 
आंकड़ों के मुताबिक, 2016 की पहली तिमाही के दौरान नई लांचिंग में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले छह फीसद की कमी आई है। कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2015-16 में 2014-15 के मुकाबले 16 फीसद कम आवासीय स्कीमें लांच हुई हैं। ऐसा ही हाल फ्लैटों की बिक्री का है, जिसमें 2014-15 के मुकाबले 2015-16 में 2.2 फीसद की गिरावट दिखाई दी है।

कार, रेत, सोना के दाम कम होने से जमीन के दाम भी कम होने लगे हैं। प्लॉट, मकान, फ्लैट, डुप्लेक्स की किमत भी घटने लगी है। लोकेशन के हिसाब से प्लॉट, फ्लैट और डुप्लेक्स बंगलों के दामों में 1 से 2 लाख रुपए तक की गिरावट आई है। रियल इस्टेट में दाम अभी और गिरने की संभावना है। लोगों ने खरीदी करना बंद कर दिया है। पंजीयन विभाग में पिछले 26 दिनों में 10 से 15 रजिस्ट्रियां हुई हैं।
 
हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार द्वारा रियल एस्टेट क्षेत्र में किए गए हालिया सुधारों-जैसे कि रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट (रेरा), जीएसटी, आरईआइटी, एफडीआइ तथा बेनामी सौदे (निषेध) संशोधन एक्ट, 2016 आदि के परिप्रेक्ष्य में देखें तो पता चलेगा कि अब इस क्षेत्र की दशा में सुधार होने लगा है। शुरुआती झटकों को छोड़ दें तो नोटबंदी से बिना हिसाब-किताब वाले धन में कमी आएगी, कर संग्रह बढ़ेगा, इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकारी खर्च में बढ़ोतरी होगी, व्यावसायिक वातावरण बेहतर होगा तथा संपूर्ण आर्थिक तंत्र में पारदर्शिता आएगी। इस सबका सर्वाधिक लाभ अगर किसी को मिलेगा तो वह देश का आम आदमी है। जिसके लिए न केवल अपने मकान का सपना पूरा करना आसान होगा, बल्कि रियल एस्टेट में निवेश से लाभ कमाने के अवसर भी बढ़ेंगे। 
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