8 सालों में रतन टाटा पर भारी पड़े साइरस मिस्त्री, जानिए टाटा संस की कारोबारी जंग से जुड़ी 10 खास बातें...

Webdunia
बुधवार, 18 दिसंबर 2019 (17:30 IST)
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCALT) ने टाटा संस के चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री को हटाने के फैसले को अवैध ठहरा दिया है। ट्रिब्यूनल ने इस पद पर फिर से बहाल करने का आदेश दिया है। जानिए साइरस मिस्त्री से जुड़ी 10 खास बातें...
 
1. वर्ष दिसंबर 2012 में टाटा समूह के चेयरमैन का पद छोड़ने वाले रतन टाटा ने कहा था कि उनके उत्तराधिकारी साइरस मिस्त्री के भीतर समूह का नेतृत्व करने की क्षमता और काबिलियत है।
 
2. मिस्त्री का परिवार टाटा संस में सबसे बड़ा गैर टाटा परिवार का शेयरधारक था। कंपनी में उसकी हिस्सेदारी 18.4 प्रतिशत थी। 
 
3. 24 अक्टूबर 2016 को उन्हीं मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया गया और एक बार फिर रतन को टाटा समूह का अंतरिम अध्यक्ष बना दिया गया।
 
4. 2012 में जिस तरह साइरस मिस्त्री को भारत के विशाल टाटा उद्योग समूह शीर्ष पद के लिए नेतृत्व के लिए चुने जाने की खबर आश्चर्यजनक थी। उसी तरह 2016 में चेयरमैन पद से हटाने का टाटा सन्स का निर्णय उससे भी ज्यादा अप्रत्याशित था।
 
5. टाटा संस की ओर से 2016 में एक चिट्ठी लिखकर यह साबित करने की कोशिश की गई कि क्यों सायरस मिस्त्री को हटाना जरूरी था। सार्वजनिक तौर पर जारी एक विज्ञप्ति में कंपनी की ओर से कहा गया है कि सायरस मिस्त्री कंपनी को ही हड़पना चाहते थे।
 
6. टाटा उद्योग समूह के चेयरमैन पद से अचानक हटाए जाने से आहत साइरस मिस्त्री ने रतन टाटा के खिलाफ कई आरोप लगाए थे। मिस्त्री ने कहा था कि कंपनी में उन्हें ‘एक निरीह चेयरमैन’ की स्थिति में ढकेल दिया गया था। उन्होंने कहा कि निर्णय प्रक्रिया में बदलाव से टाटा समूह में कई वैकल्पिक शक्ति केंद्र बन गए थे।
 
7. 21 नवंबर 2016 को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अपने पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कठिनाई बढ़ाते हुए आरोप लगाया कि मिस्त्री ने अपने बर्ताव से कंपनी को भारी नुकसान पहुंचा। लिहाजा उन्हें कंपनी के निदेशक मंडल से हटाया जाए। दिसंबर में मिस्त्री को TCS के निदेशक पद से हटा दिया गया।
 
8. 19 दिसंबर को मिस्त्री ने टाटा की सभी कंपनियों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई 103 अरब डॉलर के टाटा समूह के साथ संचालन के बड़े मुद्दे को लेकर है और वे इसे समूह में अपने परिवार की 18.5 प्रतिशत हिस्सेदारी को छोड़े बिना ही लड़ेंगे।
 
9. जनवरी 2017 में टीसीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक एन. चंद्रशेखरन को टाटा संस का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया। टाटा संस के इतिहास में यह पहला मौका था जब कोई गैर पारसी समूह का मुखिया बना।
 
10. अक्टूबर 2018 में RTI के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में कंपनी पंजीयक (आरओसी) मुंबई ने कहा था कि साइरस मिस्त्री को टाटा संस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के क्रमश: चेयरमैन और निदेशक पद से बर्खास्त करने का फैसला कंपनी कानून के प्रावधानों का उल्लंघन था। यह फैसला भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुरूप भी नहीं था।
 
इस तरह इस दशक के अंत तक NCALT के फैसले से यह साबित हो गया कि टाटा संस की कारोबारी लड़ाई में साइरस मिस्त्री दिग्गज कारोबारी रतन टाटा पर भारी पड़ गए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

stampede : बेंगलुरु में भगदड़ की घटना में 11 की मौत, PM मोदी ने जताया दुख, खरगे बोले- हादसा दुर्भाग्यपूर्ण

क्या आपका 500 रुपए का नोट नकली तो नहीं? इस तरह पहचानें Fake currency

Stampede : चिन्नास्वामी स्टेडियम में अंदर RCB का जश्न, बाहर लोगों की भगदड़, फोटो खिंचवाने में लगे थे कांग्रेस नेता, BJP ने लगाया आरोप

यादव के बेटे तेज प्रताप के 'जयचंद' जिक्र का क्या है मतलब, जानें क्यों गद्दारों को कहा जाता है 'जयचंद'

राहुल गांधी का लंगड़े घोड़े वाला बयान कमलनाथ, दिग्विजय की सियासत से रिटायरमेंट का संकेत?

सभी देखें

नवीनतम

पंजाब में मादक पदार्थ के खिलाफ अभियान, अब तक 15500 तस्कर गिरफ्तार, 9087 FIR दर्ज

Bengaluru Stampede : 11 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन? CM सिद्धारमैया ने कहा- 35000 की क्षमता, इकट्ठा हो गए 2-3 लाख लोग, चश्मदीद ने बताया कैसे मची भगदड़

Weather Update : असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर, 6 लाख से ज्‍यादा लोग प्रभावित, मृतकों की संख्या पहुंची 19

राजस्थान : IPL मैचों पर सट्टा लगाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 10 लाख से ज्‍यादा नकदी बरामद, 3 आरोपी गिरफ्तार

150 पाकिस्तानी संपर्क, ज्योति मल्होत्रा से कनेक्शन, ऐसी है पाक जासूस जसबीर की कहानी

अगला लेख