Gold Price : 1,050 रुपए सस्ता हुआ सोना, 91,000 से नीचे फिसला, चांदी में तेजी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 9 अप्रैल 2025 (18:42 IST)
स्टॉकिस्ट और खुदरा विक्रेताओं के कमजोर उठान के कारण बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 1,050 रुपए की गिरावट के साथ 90,200 रुपए प्रति 10 ग्राम रह गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी कि पिछले बाजार बंद के समय 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 91,250 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
 
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,050 रुपए टूटकर 89,750 रुपए प्रति 10 ग्राम रह गया, जबकि मंगलवार को यह 90,800 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। हालांकि, चांदी की कीमत 500 रुपए बढ़कर 93,200 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई। मंगलवार को सफेद धातु 92,700 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। इस बीच विदेशी बाजारों में हाजिर सोना 61.98 डॉलर या 2.08 प्रतिशत बढ़कर 3,044.14 डॉलर प्रति औंस हो गया।
ALSO READ: UPI यूजर्स के लिए बड़ी खुशखबरी, RBI ने लेन-देन को लेकर दी बड़ी राहत
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा कि पूरी तरह से वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं के कारण विश्व अर्थव्यवस्था मंदी में चली गई, जिससे सुरक्षित-पनाह परिसंपत्तियों की मांग फिर से बढ़ गई। इससे सोना 3,030 डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।’’ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जिस पर अब 104 प्रतिशत शुल्क हो गया है। चीन ने भी इस मामले में कदम उठाते हुए अमेरिका पर शुल्क 34 से बढ़ाकर 84 प्रतिशत कर दिया है।
 
चीन द्वारा किए गए जवाबी उपाय 10 अप्रैल से प्रभावी होंगे। यह नवीनतम घटनाक्रम अमेरिका के साथ पूर्ण विकसित व्यापार युद्ध की संभावना के बारे में चिंताएं बढ़ाता है।
 
गांधी ने कहा कि इसके अलावा ट्रंप की शुल्क नीति ने अमेरिकी डॉलर पर दबाव डालना जारी रखा, जो लगातार दूसरे दिन गिरा, जिससे सोने की कीमतों को और फायदा हुआ। एशियाई बाजार में हाजिर चांदी करीब दो प्रतिशत बढ़कर 30.41 डॉलर प्रति औंस पर बोली गई। अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चिंतन मेहता के अनुसार, निवेशक ट्रंप की विकसित हो रही शुल्क रणनीति और इसके व्यापक आर्थिक प्रभावों पर नजर रखेंगे।
 
मेहता ने कहा कि बाजार प्रतिभागी अमेरिकी फेडरल रिजर्व की फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के ब्योरे और आगामी अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर भी बारीकी से नजर रखेंगे, जो इस बारे में अधिक संकेत दे सकते हैं कि केंद्रीय बैंक बढ़ते व्यापार जोखिमों पर कैसे प्रतिक्रिया दे सकता है। भाषा Edited by: Sudhir Sharma

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

ट्रंप क्यों नहीं चाहते Apple अपने प्रोडक्ट भारत में बनाए?

क्या है RIC त्रिगुट, रूस क्यों चाहता है फिर इसे सक्रिय करना

हेलो इंदौर ये है आपकी मेट्रो ट्रेन, जानिए Indore Metro के बारे में 360 डिग्री इन्‍फॉर्मेशन

'सिंदूर' की धमक से गिड़गिड़ा रहा था दुश्मन, हमने चुन चुनकर ठिकाने तबाह किए

खतना करवाते हैं लेकिन पुनर्जन्म और मोक्ष में करते हैं विश्वास, जानिए कौन हैं मुसलमानों के बीच रहने वाले यजीदी

सभी देखें

नवीनतम

Indus Water Treaty स्थगन पर पाकिस्तान की बिलबिलाहट, गिड़गिड़ा रहे शाहबाज को भारत ने दिखाया आईना

Ola ने शुरू की रोडस्टर एक्स की डिलीवरी, 5,000 ग्राहकों को मिलेगा 1000 हजार तक का फायदा

मानहानि मामले में राहुल गांधी को झटका, कोर्ट ने खारिज की याचिका, नहीं मिलेगी यह जानकारी

1 जून से Whatsapp इन स्मार्टफोन्स पर हो जाएगा बंद, चेक कीजिए List कहीं आपका स्मार्टफोन तो नहीं है शामिल

मिस वर्ल्ड 2025 के ताज से जुड़ी ये 7 बातें जो बनातीं हैं इसे बहुत खास, जानिए क्राउन कीमत से लेकर हर डीटेल

अगला लेख