खुशखबर, पुष्य नक्षत्र से पहले सस्ता हुआ सोना

Webdunia
शुक्रवार, 6 नवंबर 2020 (14:52 IST)
नई दिल्ली। अगर आप सोना खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो पुष्य नक्षत्र से एक दिन पहले सराफा बाजार से आई यह खबर आपके बेहद काम की है। सोने की कीमतों में जारी तेजी का सिलसिला शुक्रवार को थम गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आई गिरावट के चलते घरेलू वायदा बाजार में भी सोने सस्ता हो गया।
 
अमेरिकी चुनाव में जो बिडेन की जीत की उम्मीद के बीच शेयर बाजार में तेजी देखी जा रही है। ऐसा माना जाता हैं कि रिपब्लिकन के मुकाबले डैमोक्ट्रेस ज्यादा बड़ा राहत पैकेज देते हैं। ऐस में बिडेन की जीत की संभावनाओं को देखते हुए शेयर बाजार में तेजी का माहौल है। अमेरिकी डॉलर में गिरावट दिखाई दे रही है और इसका असर बुलियन मार्केट पर दिख रहा है।
 
घरेलू वायदा बाजार (MCX) पर शुक्रवार को सोने के दिसंबर वायदा अनुबंध में बीते सत्र से 175 रुपए की कमजोरी के साथ 51,880 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था। इससे पहले आज सुबह सोने का भाव 51,912 रुपए पर खुला था।
 
वहीं, चांदी के दिसंबर अनुबंध में बीते सत्र से 190 रुपए यानी 0.30 प्रतिशत की तेजी के साथ 64,443 रुपए प्रति किलो पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले चांदी का भाव एमसीएक्स पर 64,479 रुपए प्रति किलो खुला।

रुपए में तेजी : अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम आने के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में तेजी के चलते रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 28 पैसे की तेजी के साथ 74.08 के स्तर पर बंद हुआ।
 
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 73.99 पर खुला, और दिन के कारोबार के दौरान 73.87 के ऊपरी स्तर और 74.28 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में डॉलर के मुकाबले 74.08 के स्तर पर बंद हुआ।
 
पुष्य नक्षत्र पर क्यों खरीदा जाता है सोना : पुष्य नक्षत्र पर गुरु, शनि और चंद्र का प्रभाव होता है तो ऐसे में स्वर्ण और चांदी की वस्तुएं खरीदी जा सकती है। इस नक्षत्र के स्वामी शनि हैं जो चिरस्थायित्व प्रदान करते हैं और इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं जिसका कारक सोना है। इसी मान्यता अनुसार इस दिन खरीदा गया सोना शुभ और स्थायी माना जाता है।
 
क्या सही है सोने में एकमुश्त निवेश : अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं तो लांग टर्म में इसमें निवेश किया जा सकता है। शार्ट टर्म के लिए सोने में निवेश को सही नहीं माना जाता है। निवेशकों को मासिक या त्रैमासिक आधार पर समय-समय पर सोने में निवेश करते रहना चाहिए। सोने में एकमुश्त निवेश से बचना चाहिए।

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