केदारनाथ के कायाकल्प में दिखाया समर्पण- आदिशंकराचार्य की प्रतिमा ने किया भावुक, एचडी देवगौड़ा ने की PM मोदी की जमकर तारीफ

Webdunia
रविवार, 7 नवंबर 2021 (00:39 IST)
बेंगलुरु। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने केदारनाथ पवित्र स्थल के कायाकल्प के प्रति 'समर्पण' और आदिशंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की।
 
देवगौड़ा ने कहा कि आदिशंकराचार्य की प्रतिमा का कर्नाटक से संबंध होने पर वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि उसे मैसूरु के मूर्तिकार अरुण योगिराज ने बनाया है और उसके निर्माण में जिस पत्थर का प्रयोग किया गया, वह मैसूरु जिले के एचडी कोटे से निकला गया है। जनता दल (एस) के 88 वर्षीय अध्यक्ष ने शीघ्र ही केदारनाथ जाकर आदिशंकराचार्य की प्रतिमा देखने की इच्छा जताई।
 
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में देवगौड़ा ने कहा कि केदारनाथ में 5 नवंबर को आपके द्वारा काले पत्थर से बनी श्री आदिशंकराचार्य की जिस प्रतिमा का अनावरण किया गया, उससे मैं भावुक हो गया। पवित्र स्थल का कायाकल्प करने में आपने जो समर्पण दिखाया उसके लिए आप बधाई के पात्र हैं।
 
जनता दल (एस) अध्यक्ष ने कहा कि वे श्री श्रृंगेरी शारदा पीठ के अनुयायी हैं जो कर्नाटक के चिक्कमगलुरु में स्थित है और आदिशंकराचार्य द्वारा स्थापित चार मठों में से एक है। देवगौड़ा ने कहा कि श्रृंगेरी सदियों से कई शासकों को आध्यात्मिक परामर्श देता रहा है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Operation Mahadev क्या है, जिसमें ढेर हुआ पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा

1 घंटे में कैसे मार गिराए आतंकवादी, किसने उठाया ऑपरेशन महादेव पर सवाल

रक्षामंत्री राजनाथ ने संसद में दी जानकारी, पाकिस्तान की गुहार पर रोका गया ऑपरेशन सिंदूर

पहलगाम का बदला, जम्मू कश्मीर के दाचीगाम में 3 आतंकवादी ढेर

अद्भुत संयोग! पीएम मोदी पक्षियों पर बोल रहे थे, तभी मंत्री के कंधे पर आ बैठा पक्षी (वीडियो)

सभी देखें

नवीनतम

राष्ट्रीय कागज़ दिवस विशेष: कागज़- पर्यावरण का मित्र, न कि शत्रु

राहुल गांधी का बड़ा बयान, ट्रेड डील में भी दबाएंगे ट्रंप

इंदौर के नंबर वन तमगे पर बट्टा लगा रहे ई रिक्‍शा, सड़कों का बिगाड़ दिया हुलिया, भोपाल ने लगाई लगाम, हम सो रहे

'फॉर्च्यून ग्लोबल 500' लिस्ट में Reliance Industries का दबदबा कायम, भारत में शीर्ष स्थान पर बरकरार

क्या है अखंड भारत? किन देशों तक था विस्तार?, इतिहास की दृष्टि से समझिए इसके अस्तित्व की पूरी कहानी

अगला लेख