नई दिल्ली। कोरोना काल में निवेश के लिए सोने (Gold) को सबसे बेहतर माना जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष मार्च में सोने का आयात 415 प्रतिशत बढ़ा है। विशेषज्ञ भी इस चमकीली धातु में निवेश को बेहतर विकल्प बता रहे हैं। हालांकि निकट भविष्य में इसमें तेजी की ज्यादा संभावना नहीं है।
दूसरी ओर कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के प्रकोप के चलते रत्न और आभूषण उद्योग को लगातार दूसरे साल अक्षय तृतीया के अवसर पर ब्रिकी में भारी गिरावट का सामना करना पड़ा।
कारोबारियों ने बताया कि इस साल अक्षय तृतीया पर बिक्री कोविड से पहले 2019 के मुकाबले सिर्फ 10 प्रतिशत रही और स्थानीय लॉकडाउन के चलते ग्राहकों की सीमित आवक थी। लोगों के पास गोल्ड बांड खरीदने का भी मौका था, लेकिन इसमें लोगों ने ज्यादा रुचि नहीं दिखाई।
अमेरिका और यूरोप में कोरोना के मामले घटने से वहां की अर्थव्यवस्था में काफी सुधार होता दिखाई दे रहा है। इससे भी सोने के भावों में वृद्धि देखने को मिल रही है।
बहरहाल कोरोना के जटिल समय में आम आदमी चाहकर भी सोने में निवेश नहीं कर पा रहा है। जानिए क्या हैं कारण...
कई राज्यों में दुकानें बंद : सोना हमेशा से ही भारतीय निवेशकों की पहली पसंद रहा है। मगर कोरोना कर्फ्यू की वजह से देश के कई राज्यों में सोने-चांदी की दुकानें बंद हैं। इस वजह से भी लोग बाजार जाकर अपनी पसंदीदा धातु नहीं खरीद पा रहे हैं।
नकदी की आवश्यकता : कोरोना काल में लोगों को बीमारी का डर भी निवेश से रोक रहा है। आम आदमी बचत के पैसों से ही निवेश करता है। कोरोना के इलाज में लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं। इसके बाद भी लोग ब्लैक फंगस का शिकार हो रहे हैं। इसका इलाज भी काफी महंगा है। फिलहाल सराफा बाजार बंद हैं, ऐसे में जरूरत पड़ने पर व्यक्ति बाजार में सोना बेचकर पैसा नहीं ला सकेगा। इसके साथ ही यदि व्यक्ति इस दौर में जरूरत के समय सोना बेचने की कोशिश भी करता है तो उसे नुकसान ही उठाना पड़ेगा।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट :
सराफा बाजार विशेषज्ञ राजेश नीमा ने बताया कि फिलहाल सराफा बाजार कोरोना की चपेट में है। सभी का ध्यान कोरोना पर ही है। इससे गोल्ड सिल्वर की ट्रेडिंग बुरी तरह प्रभावित हुई है। आने वाले समय में लंबी तेजी की कोई संभावना नहीं है। जब तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में बड़ी हलचल नहीं होती बाजार रेंज बाउंड ही रहेगा।
अमेरिका और यूरोप की अर्थव्यवस्था के सुधरने का भारतीय बाजारों पर असर आने में टाइम लगेगा। अगर इसराइल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध की स्थिति बनती है तो बाजार में तेजी दिखाई दे सकती है।
5 साल बुल रन रैली : निवेश सलाहकार योगेश बागौरा के अनुसार बाजार में जून 2020 से बुल रन रैली शुरू हुई है जो 2025 तक चलेगी। इसमें सोना, चांदी, शेयर बाजार सभी अच्छे रिटर्न देंगे। इस दौरान सभी सेक्टर्स में तेजी दिखाई गई।
उन्होंने कहा कि फिलहाल बाजार में निवेश का अच्छा समय है पर लॉकडाउन की वजह से पैसों का रोटेशन नहीं हो पा रहा है। महामारी, युद्ध जैसी आपात स्थिति में व्यक्ति सुरक्षित निवेश चाहता है इसलिए इसमें सोने में निवेश दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।
बागौरा ने बताया कि पीएम मोदी ने दिसंबर तक पूरे देश में कोरोना वैक्सीन के पहले डोज का लक्ष्य रखा है। अगर यह लक्ष्य पूरा हो जाता है तो देश में निवेश की काफी संभावनाएं बढ़ जाएंगी। सीमेंट, केमिकल, फार्मा और सुगर सेक्टर में काफी तेजी होगी। ब्राजील और अन्य शकर उत्पादक देशों में सूखा पड़ने की वजह से देश के सुगर सेक्टर के शेयरों में काफी तेजी आएगी।
कमोडिटी एक्सपर्ट इब्राहिम हुसैन ने बताया कि MCX में सोना 47600-47700 पर है। आने वाले समय में सोने के भावों में कुछ गिरावट की संभावना है। लेकिन इसका भविष्य उज्जवल है। सोने में निवेश कभी नुकसान नहीं देगा। हालांकि बाजार में रोटेशन के अभाव में लोग इसमें निवेश से डर रहे हैं।