बीएसएनएल, एमटीएनल का निजीकरण नहीं

Webdunia
शुक्रवार, 13 मार्च 2015 (15:52 IST)
नई दिल्ली। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के निजीकरण से इंकार करते हुए सरकार ने आज कहा कि इन दोनों सरकारी उपक्रमों की वित्तीय हालत सुधारने और उन्हें मुनाफे वाले उपक्रमों में तब्दील करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल का निजीकरण नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि यह सच है कि बीएसएनएल और एमटीएनएल की वित्तीय हालत ठीक नहीं है। लेकिन यह भी सच है कि सार्वजनिक क्षेत्र के इन उपक्रम के बिना प्रतिस्पर्धा भी नहीं होगी।

प्रसाद ने बताया कि कुछ साल पहले तक खासा मुनाफा अर्जित करने वाले बीएसएनएल और एमटीएनएल आज घाटे में चल रहे हैं। मैं बताना चाहूंगा कि ऐसी ताकतें रही हैं जो बीएसएनएल और एमटीएनएल को लगातार कमजोर कर रही थीं। हम इस समस्या को दूर कर बीएसएनएल और एमटीएनएल की वित्तीय हालत सुधारने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।

अवसंरचना में सुधार पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि इसके लिए बीएसएनएल और एमटीएनएल 25000 नए टॉवर लगाने जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि बीएसएनएल ने अपने नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए निवेश के माध्यम से राजस्व में वृद्धि करने तथा सेवा गुणवत्ता में सुधार करने के लिए उपभोक्ता सेवा और सेवा आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

प्रसाद ने बहरहाल माना कि टावर चाहे बीएसएनएल का हो, एमटीएनएल का हो या निजी सेवा प्रदाता का हो, उसके प्रबंधन में दिक्कतें होती हैं और इसका कारण बिजली उपलब्ध न होना, जमीन का अधिग्रहण न हो पाना और कानून व्यवस्था आदि की समस्याएं हैं। उन्होंने कहा कि सेवा प्रदाताओं को कहा गया है कि अगर वे सौर उर्जा के माध्यम से टावर का प्रबंधन कर सकते हैं तो जरूर करें।

उन्होंने पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि दिसंबर 2014 तक देश में दूरसंचार उपभोक्ताओं की संख्या 97.9 करोड़ थी। दुनिया भर के देशों की तुलना में भारत में मोबाइल दरों को किफायती बताते हुए उन्होंने कहा कि मोबाइल सेवा प्रदाताओं को बाजार की स्थिति और अन्य वाणिज्यिक कारणों के मद्देनजर विभिन्न दर योजनाओं की पेशकश करने की छूट दी गई है।

प्रसाद ने बताया कि मोबाइल सेवा प्रदाताओं द्वारा विभिन्न प्रकार की कॉलों के लिए दरें एक सेवा क्षेत्र से दूसरे सेवा क्षेत्र में अलग अलग होती हैं। इसके अलावा किसी एक सेवा क्षेत्र में एक ही प्रचालक द्वारा पेश की जाने वाली कॉल दरें अलग अलग उपभोक्ता द्वारा अलग अलग अपनाए जाने वाले शुल्क प्लान के आधार पर भी अलग अलग होती हैं। (भाषा)
Show comments

Lok Sabha Chunav : रायबरेली में प्रियंका गांधी संभाल रहीं भाई राहुल का चुनावी कैंपेन, PM मोदी को लेकर लगाया यह आरोप

Sandeshkhali Case : बैरकपुर में प्रधानमंत्री मोदी का दावा, बोले- प्रताड़ित महिलाओं को धमका रहे TMC के गुंडे

केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में दी 10 गारंटी, कहा फेल हुआ भाजपा का प्लान

Gold ETF से निवेशकों ने अप्रैल में निकाले 396 करोड़, जानिए क्‍या है कारण...

FPI ने मई में की 17000 करोड़ से ज्‍यादा की निकासी, चुनाव काल में क्‍या है विदेशी निवेशकों का रुख

Chardham Yatra : यमुनोत्री में शुरू हुई यात्रा, केदारनाथ के यात्रियों के लिए उत्तराखंड पुलिस ने की अपील

Lok Sabha Election 2024 : लोकभसा चुनाव के 5वें चरण में महिला उम्मीदवारों की संख्या केवल 12 प्रतिशत

प्रज्वल रेवन्ना मामले में SIT ने 2 लोगों को किया गिरफ्तार

बिहार मिशन पर PM मोदी, पटना में रोड शो, स्वागत में उमड़ी भारी भीड़

ED ने झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम को भेजा समन, छापेमारी में जब्त हुए थे 37 करोड़