मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने चौथी तिमाही में कमाया 10362 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड मुनाफा

Webdunia
गुरुवार, 18 अप्रैल 2019 (22:37 IST)
नई दिल्ली। सबसे धनी भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज का वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 9.8 प्रतिशत बढ़कर 10,362 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। यह निजी क्षेत्र की किसी भी भारतीय कंपनी द्वारा अर्जित सबसे ऊंचा तिमाही मुनाफा है। कंपनी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
 
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने कहा कि कच्चे तेल शोधन और पेट्रो रसायन कारोबार के कमजोर प्रदर्शन के बावजूद खुदरा और दूरसंचार कारोबार में अच्छी वृद्धि से कंपनी यह मुनाफा हासिल करने में सफल रही है।
 
पेट्रोलियम, खुदरा कारोबार से लेकर दूरसंचार क्षेत्र में कारोबार करने वाली आरआईएल का पिछले वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले 9.8 प्रतिशत बढ़कर 10,362 करोड़ रुपए यानी 17.5 रुपए प्रति शेयर रहा है। एक साल पहले इसी तिमाही में यह 9,438 करोड़ रुपए यानी 15.9 रुपए प्रति शेयर रहा था।
सबसे ऊंचा तिमाही लाभ : यह भारत की निजी क्षेत्र की किसी कंपनी का सबसे ऊंचा तिमाही लाभ है। सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑइल कॉरपोरेशन (आईओसी) के नाम किसी एक तिमाही में सबसे ऊंचा मुनाफा कमाने का रिकॉर्ड है। आईओसी ने जनवरी-मार्च 2013 की तिमाही में 14,512.81 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। उस समय कंपनी को पूरे साल की सब्सिडी राशि एक ही तिमाही में मिली थी।
 
तिमाही आय में 19.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी : चौथी तिमाही (जनवरी- मार्च 2019) के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज की आय 19.4 प्रतिशत बढ़कर 1,54,110 करोड़ रुपए रही। हालांकि यह बीते वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही की आय से 9.7 प्रतिशत कम है। हालांकि यह राशि कंपनी द्वारा तीसरी तिमाही में अर्जित 1,70,709 करोड़ रुपए से कम रही है।
 
कंपनी ने तिमाही के दौरान और खुदरा स्टोर खोले। साथ ही उसके दूरसंचार कारोबार जियो के ग्राहकों की संख्या में 2.66 करोड़ का इजाफा हुआ। इससे कंपनी के कुल मुनाफे में बढ़ोतरी हुई। कंपनी के परंपरागत कच्चे तेल के रिफाइनिंग कारोबार के मार्जिन पर दबाव रहा। इसकी वजह अंतरराष्ट्रीय स्तर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव है।
 
आरआईएल ने पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में 39,588 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ और 6,22,809 करोड़ रुपए का कुल कारोबार किया।
30 करोड़ के पार पहुंची जियो के ग्राहकों की संख्या : रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान हमने कई उपलब्धियां हासिल कीं और भविष्य की रिलायंस के लिए कदम आगे बढ़ाए। रिलायंस रिटेल ने 1,00,000 करोड़ रुपए राजस्व की उपलब्धि हासिल की है। जियो के ग्राहकों की संख्या 30 करोड़ पर पहुंच गई वहीं पेट्रो रसायन कारोबार ने अब तक की सबसे ऊंची आमदनी दर्ज की है। 
 
उन्होंने कहा कि कंपनी ने वर्ष के दौरान जो रिकॉर्ड मुनाफा कमाया है वह ऊर्जा बाजार में उतार-चढ़ाव के दौर में कमाया गया है। पिछले पांच साल के दौरान कंपनी का कर पूर्व मुनाफा दोगुने से भी अधिक होकर 92,656 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
 
कंपनी के खुदरा कारोबार रिलायंस रिटेल का कर पूर्व मुनाफा 77.1 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 1,923 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। रिलायंस रिटेल एकमात्र भारतीय खुदरा कंपनी है, जो दुनिया की शीर्ष 100 रिटेल कंपनियों में आती है।
 
कंपनी की दूरसंचार इकाई रिलायंस जियो का मार्च 2019 में समाप्त चौथी तिमाही का शुद्ध लाभ 64.7 प्रतिशत बढ़कर 840 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। 
 
इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी ने 510 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया था। हालांकि तिमाही के दौरान कंपनी की प्रति ग्राहक औसत आय (एआरपीयू) घटकर 126.2 रुपए मासिक पर आ गई, जो इससे पिछली तिमाही में 130 रुपए थी। कंपनी के पेट्रोरसायन कारोबार का कर पूर्व लाभ 24 प्रतिशत बढ़कर 7,975 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। 
 
कंपनी को प्रत्येक बैरल कच्चे तेल को ईंधन में बदलने पर 8.2 डॉलर प्राप्त हुए। जनवरी-मार्च 2018 में कंपनी का सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) 11 डॉलर प्रति बैरल रहा था। जीआरएम दूसरी और तीसरी तिमाही के क्रमश: 8.8 डॉलर और 9.5 डॉलर से भी कम रहा है। 
 
प्रमुख निवेश चक्र को पूरा करने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज पर बकाया कर्ज 31 मार्च 2019 को 2,87,505 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। 31 दिसंबर तक यह 2,74,381 करोड़ रुपए था। 31 मार्च 2018 को यह 2,18,763 करोड़ रुपए पर था। तिमाही के दौरान कंपनी के हाथ में नकदी 1,33,027 करोड़ रुपए थी, जो इससे पिछली तिमाही में 77,933 करोड़ रुपए थी। 
खुदरा कारोबार की आय भी बढ़ी : चौथी तिमाही में कंपनी के खुदरा कारोबार से आय 51.6 प्रतिशत बढ़कर 36,663 करोड़ रुपए रही। पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में यह 88.7 प्रतिशत बढ़कर 1,30,566 करोड़ रुपए पर पहुंच गई।
 
रिलायंस जियो के वायरलेस कारोबार का डाटा ट्रैफिक तिमाही के दौरान बढ़कर 956 करोड़ जीबी हो गया, जो इससे पिछली तिमाही में 864 करोड़ जीबी था। इसी तरह कंपनी का कुल वॉयस ट्रैफिक तीसरी तिमाही के 63,406 करोड़ मिनट से बढ़कर चौथी तिमाही में 72,414 करोड़ मिनट हो गया। कंपनी ने कहा कि उसने अपने टावर और फाइबर संपत्ति कारोबार को अलग-अलग करने का काम पूरा कर लिया है।

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