मुंबई। सहारा समूह को सोमवार को करारा झटका लगा जब बम्बई उच्च न्यायालय ने उसकी प्रतिष्ठित एम्बी वैली परियोजना की नीलामी का नोटिस जारी कर दिया।
मुंबई से 120 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के पुणे जिले के लोनावला में बड़े क्षेत्रफल में फैली इस परियोजना की नीलामी के लिए आधिकारिक परिसमापक (ओएल) ने 37392 करोड़ रुपए का सुरक्षित मूल्य रखा है। समूह ने एम्बी वैली की नीलामी रोकने के लिए 3 दिन पहले उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी, किन्तु शीर्ष न्यायालय से उसे राहत नहीं मिली थी।
मुंबई उच्च न्यायालय के ओएल विनोद शर्मा ने प्रमुख समाचार पत्रों में नीलामी का विज्ञापन दिया। नीलामी के तहत बड़ी संपत्ति बेची जानी है इसलिए यह कार्य 2 चरणों में दो दिन में पूरा किया जाएगा। एम्बी वैली 6761.64 एकड़ में फैली है।
उच्चतम न्यायालय ने दस अगस्त को सहारा समूह की एम्बीवैली की नीलामी प्रक्रिया रोकने की याचिका खारिज की थी। परिसमापक ने नीलामी में संभावित बोली लगाने वालों को विज्ञापन में संपत्ति का ब्यौरा देते हुए कहा है कि यह सह्याद्री पहाड़ी श्रृंखला पर प्रकृति की गोद में स्थित है।
सहारा समूह और शेयर बाजार की नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के बीच समूह की 2 कंपनियों के निवेशकों के 24 हजार करोड़ रुपए लौटाने को लेकर मामला चल रहा है। उच्चतम न्यायालय ने 25 जुलाई को सहारा प्रमुख सुब्रत राय से 1500 करोड़ रुपए जमा करने को कहा था।
सहारा प्रमुख को इस मामले में काफी समय जेल में भी बिताना पड़ा है। समूह चाहता था कि निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए जुलाई 2019 तक का समय दिया जाए, लेकिन शीर्ष न्यायालय ने इसे लंबी अवधि मानते हुए नीलामी प्रक्रिया आगे बढ़ाने को कहा था। समूह का कहना था कि वे 11 हजार करोड़ रुपए का भुगतान कर चुका है और शेष 14779 करोड़ रुपए के भुगतान के लिए उसे जुलाई 2019 तक का समय दिया जाए। (वार्ता)