7 साल से भारत का सबसे बड़ा एफडीआई स्रोत है सिंगापुर

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
रविवार, 1 जून 2025 (11:24 IST)
FDI news in hindi : सिंगापुर पिछले सात साल से भारत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है। भारत को 2024-25 में सिंगापुर से लगभग 15 अरब अमेरिकी डॉलर का सबसे अधिक विदेशी निवेश मिला है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुल एफडीआई (जिसमें इक्विटी प्रवाह, पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी शामिल है) 14 प्रतिशत बढ़कर 81.04 अरब डॉलर हो गया। यह पिछले तीन साल का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। ALSO READ: मई के अंत में ट्रंप टैरिफ ने फिर बढ़ाई अनिश्चितता, क्या है निवेशकों को जून से उम्मीद?
 
ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 में सिंगापुर से एफडीआई 2023-24 के 11.77 अरब डॉलर से बढ़कर 14.94 अरब डॉलर हो गया। 2024-25 में कुल प्रवाह में सिंगापुर का योगदान लगभग 19 प्रतिशत था। 2018-19 से, सिंगापुर, भारत के लिए एफडीआई का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है। इससे पहले 2017-18 में भारत ने मॉरीशस से सबसे ज़्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया था। पिछले वित्त वर्ष में देश को मॉरीशस से 8.34 अरब डॉलर का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ।
 
बीते वित्त वर्ष में मॉरीशस के बाद अमेरिका (5.45 अरब डॉलर), नीदरलैंड (4.62 अरब डॉलर), संयुक्त अरब अमीरात (3.12 अरब डॉलर), जापान (2.47 अरब डॉलर), साइप्रस (1.2 अरब डॉलर), ब्रिटेन (79.5 करोड़ डॉलर), जर्मनी (46.9 करोड़ डॉलर) और केमैन आइलैंड (37.1 करोड़ डॉलर) का स्थान रहा।
 
विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में मजबूत स्थिति, बेहतर द्विपक्षीय संबंध और वैश्विक निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी निवेश का गेटवे होने की वजह से भारत के लिए सिंगापुर सबसे बड़ा एफडीआई का स्रोत बना हुआ है।
 
डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि पूंजी बाजार में उथल-पुथल और व्यापार को लेकर अनिश्चितताओं के बावजूद भारत भारी विदेश निवेश आकर्षित करने में कामयाब रहा है, जो स्थिर और दीर्घकालिक है।
 
उन्होंने कहा कि चूंकि एशिया विदेशी पूंजी प्रवाह प्राप्त करने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है, इसलिए कोष का एक बड़ा हिस्सा सिंगापुर से आता है। इसके कई कारण हैं। कम कर वाला क्षेत्र होने के साथ सिंगापुर का कानूनी ढांचा काफी मजबूत है, ऐसे में उसे एशिया के लिए रणनीतिक वित्तीय गेटवे माना जाता है।
 
मजूमदार ने कहा कि दोनों देशों के बीच दोहरा कराधान बचाव संधि की वजह से सिंगापुर के संगठनों को भारत में निवेश करने में मदद मिलती है और भारत से कमाई पर उनका कुल कर का बोझ भी कम होता है। (भाषा)
edited by : Nrapendra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

पाकिस्तान में बेनाम सामूहिक कब्रों के पास बिलखती महिलाएं कौन हैं...?

नरेंदर सरेंडर... भोपाल में PM मोदी पर राहुल गांधी ने बोला जमकर हमला

क्या ये वन नेशन, वन हसबैंड योजना है, मोदी के नाम का सिंदूर लगाएंगे, Operation Sindoor पर भगवंत मान के बयान पर बवाल

Operation Sindoor में भारतीय नुकसान पर फिर आया CDS अनिल चौहान का बयान, जानिए क्या कहा

सोनम की सास से बातचीत की आखिरी ऑडियो क्‍लिप वायरल, पढ़िए पूरी बात, लापता होने से पहले क्‍या कहा था बहू ने?

सभी देखें

नवीनतम

नॉर्थईस्ट में बाढ़ से हाहाकार, असम के 21 जिलों के 6.33 लाख लोग प्रभावित, 17 की मौत

4 दिन के युद्ध में पाकिस्तान में कैसे मची तबाही, आ गई Operation Sindoor की पूरी Details

दिल्ली में बैठकों का दौर, क्या फिर कुछ बड़ा होने वाला है PM मोदी से मिले अमित शाह

मुंबई हवाई अड्डे से करीब 52 करोड़ की कोकीन जब्त, एक विदेशी नागरिक गिरफ्तार

गुजरात में corona का विस्फोट, 108 नए मामले आए सामने, 1 मरीज की मौत

अगला लेख