क्या होता है हवाला कारोबार? समझिए हवाला नेटवर्क में कैसे होता है पैसों का लेनदेन, क्या है सजा का प्रावधान

WD Feature Desk
बुधवार, 18 जून 2025 (13:33 IST)
what is hawala: आपने अक्सर ख़बरों में 'हवाला' शब्द सुना होगा, खासकर जब किसी बड़े वित्तीय घोटाले या अवैध लेनदेन की बात आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह हवाला कारोबार क्या है और यह कैसे काम करता है? साथ ही कानून के सन्दर्भ में हवाला को किस श्रेणी में रखा जाता है? आइये आज इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं साथ ही जानेंगे भारत में इसके लिए क्या कानून हैं।  

क्या होता है हवाला?
सीधे शब्दों में कहें तो, हवाला एक अनौपचारिक और गैर-कानूनी धन हस्तांतरण प्रणाली है, जो पारंपरिक बैंकिंग या वित्तीय संस्थानों के बाहर संचालित होती है। इसका उपयोग एक जगह से दूसरी जगह बिना किसी आधिकारिक रिकॉर्ड या ट्रांजेक्शन के पैसा ट्रांसफर करने में किया जाता है। अक्सर इसका इस्तेमाल काले धन को सफेद करने, टैक्स चोरी और अन्य गैर-कानूनी लेनदेन के लिए किया जाता है। यह प्रणाली हवाला दलालों के एक नेटवर्क के माध्यम से संचालित होती है, जिन्हें 'हवालादार' के रूप में जाना जाता है, जो बैंकों जैसे पारंपरिक वित्तीय संस्थानों का उपयोग किए बिना ग्राहकों के लिए धन हस्तांतरित करते हैं।

कैसे होता है हवाला में लेनदेन?
हवाला के पैसों को काफी गोपनीय तरीके से ट्रांसफर किया जाता है, क्योंकि इसका मकसद बैंक और जांच एजेंसियों को धोखा देना होता है। आइए समझते हैं यह कैसे काम करता है:
1. पैसे भेजने वाला और एजेंट का संपर्क: सबसे पहले, पैसे भेजने वाला व्यक्ति एक हवाला एजेंट से संपर्क करता है और उसे वह रकम देता है जो वह भेजना चाहता है। साथ ही, वह एजेंट को उसकी सेवा के लिए एक कमीशन भी देता है।
2. एजेंट का नेटवर्क: इसके बाद, हवाला एजेंट अपने नेटवर्क में मौजूद दूसरे हवाला एजेंटों को सूचित करता है, जो दूसरे शहर या देश में होते हैं।
3. प्राप्तकर्ता तक पहुंच: दूसरे शहर या देश में मौजूद एजेंट उस राशि को बिना किसी औपचारिक रिकॉर्ड या बैंक ट्रांजेक्शन के सीधे प्राप्तकर्ता को सौंप देता है। इस पूरी प्रक्रिया में कोई कागजी कार्रवाई या बैंक का इस्तेमाल नहीं होता, जिससे पैसे का स्रोत और गंतव्य छिपा रहता है।

हवाला का पैसा क्या होता है?
हवाला का पैसा वह धनराशि होती है जिसे इस अनौपचारिक प्रणाली के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाता है। चूंकि यह लेनदेन पूरी तरह से ऑफ़-द-बुक होता है। हवाला मनी का उपयोग अवैध गतिविधियों जैसे आतंकवाद के वित्तपोषण, ड्रग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए भी किया जाता है। क्योंकि यह पैसा आधिकारिक वित्तीय प्रणाली की निगरानी से बाहर रहता है, जिससे इसका पता लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है।

पकड़े जाने पर क्या है सजा का प्रावधान?
भारत में हवाला लेनदेन मुख्य रूप से दो कानूनों के तहत दंडनीय है: विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA), 1999 और धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002।
धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत: यदि हवाला लेनदेन मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ पाया जाता है, तो दोषियों को 3 साल से लेकर 7 साल तक की जेल हो सकती है। यदि अपराध नशीले पदार्थों या आतंकवाद जैसे गंभीर अपराधों से जुड़ा हो, तो सजा 7 साल से बढ़कर आजीवन कारावास तक हो सकती है। इसके साथ ही, जुर्माना भी लगाया जा सकता है, जो आमतौर पर 5 लाख रुपये तक हो सकता है, हालांकि यह राशि मामले के आधार पर भिन्न हो सकती है।
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA), 1999 के तहत: यदि हवाला विदेशी मुद्रा नियमों का उल्लंघन करता है, तो सजा में जेल की अवधि का उल्लेख कम होता है, लेकिन इसमें जुर्माना प्रमुख होता है, जो लेनदेन की राशि का तीन गुना तक हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि 1 करोड़ रुपये का हवाला लेनदेन पकड़ा जाता है, तो 3 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

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