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कौन हैं उर्जित पटेल जिन्हें IMF ने बनाया कार्यकारी निदेशक, क्या है उनका नोटबंदी से कनेक्शन?

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , शुक्रवार, 29 अगस्त 2025 (11:40 IST)
Urjit Patel news in hindi : भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया है। पटेल की IMF में नियुक्ति 3 साल की अवधि के लिए हुई है।
 
येल यूनिवर्सिटी से पीएचडी डॉ. उर्जित पटेल 7 जनवरी 2013 को डिप्टी गवर्नर के रूप में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से जुड़े। वे आईडीएफसी लि. में प्रमुख पॉलिसी ऑफिसर भी रह चुके हैं।  डॉ. पटेल को वित्त, ऊर्जा और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में 17 वर्षों का लंबा अनुभव है।

डॉ. पटेल में ऊर्जा मंत्रालय और आर्थिक मामलों से जुड़े विभाग में भी 1998 से 2001 तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 1995 से 97 तक डॉ. उर्जित आरबीआई में कंसल्टेंट के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं।
 
पटेल ने 4 सितंबर 2016 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 24वें गवर्नर के रूप में पदभार संभाला था। उनके कार्यकाल में ही 2016 में देश में नोटबंदी हुई थी। 2018 में उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया था। पटेल 1990 के बाद से अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले पद छोड़ने वाले केंद्रीय बैंक के पहले गवर्नर थे।
 
क्या है नोटबंदी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवम्बर 2016 को रात 8 बजे राष्‍ट्र को संबोधित करते हुए 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का एलान किया था। बैंकों से नोट बदलने की प्रक्रिया 30 दिसम्बर 2016 तक चली, इसके बाद पुराने नोट बदलने का कार्य केवल रिज़र्व बैंक द्वारा ही किया गया।

तत्कालीन आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने भी सरकार की इस घोषणा का समर्थन किया। इसके बाद सरकार 500 और 2000 रुपए के नए नोट भी बाजार में लेकर आई। हालांकि कुछ ही साल बाद सरकार ने 2000 का नोट भी चलन से बाहर कर दिया।
 
नोटबंदी का उद्देश्य : कालाधन, भ्रष्टाचार, नकली नोट और आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सरकारें विमुद्रीकरण का फैसला लेती हैं। अवैध गतिविधियों में संलग्न लोग नोटों को अपने पास ही रखते हैं। ऐसे में विमुद्रीकरण से सीधे उन पर चोट होती है। कई बार नकद लेन देन को हतोत्साहित करने के लिए भी नोटबंदी की जाती है। केन्द्र की मोदी सरकार को भी उम्मीद थी कि नोटबंदी से कालेधन, नकली नोट और आतंकवाद पर अंकुश लगेगा। हालांकि नोटबंदी के चलते आम आदमी को भी काफी मुश्किलों को सामना करना पड़ा। केन्द्र सरकार अपने इस फैसले से नकद लेन-देन को भी हतोत्साहित किया।
edited by : Nrapendra Gupta 

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