नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि राजकोषीय घाटे को कम करना चुनौतीपूर्ण कार्य है हालांकि उसने इसे कम करके जीडीपी के 4.1 प्रतिशत तक लाने के लक्ष्य को निर्धारित किया है।
लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राजकोषीय घाटा एक ऐसी स्थिति होती है, जब सरकार का खर्च उसके नियंत्रण से बाहर हो जाता है और राजस्व में वृद्धि नहीं होती है।
उन्होंने कहा कि कराधान को तर्कसंगत बनाया जाएगा ताकि भारतीय उत्पाद प्रतिस्पर्धी बन सके। उत्पादों में स्थिरता से आर्थिक वृद्धि आएगी और इससे राजस्व बढेगा।
जेटली ने कहा कि वर्तमान सरकार का मानना है कि अधिक करों से अर्थव्यवस्था में मंदी आएगी।
एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में जेटली ने कहा कि प्राकृतिक गैस की कीमतों में वृद्धि के बारे में काल्पनिक सवाल पूछे जा रहे हैं। नई सरकार इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया है और इस बारे में निर्णय लेने पर सदन को सूचित करेंगे। (भाषा)