नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के गैर सहायता वाले निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में वर्ष 2009-2010 के शैक्षणिक सत्र में छात्रों के प्रवेश के लिए 50:50 सीटों का फॉर्मूला अपनाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में गैर सहायता वाले निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में उपलब्ध सीटों पर राज्य सरकार और निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों की एसोसिएशन द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर तैयार सूची से 50:50 के अनुपात में सीटों पर छात्रों को दाखिला दिया जाएगा।
न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की दो सदस्यीय अवकाश कालीन खंडपीठ ने बुधवार को अंतरिम आदेश दिया। न्यायाधीशों ने स्पष्ट किया कि यदि किसी कॉलेज या किसी पाठ्यक्रम के लिए विषम संख्या में सीटें उपलब्ध होंगी तो उनमें से 50:50 के फॉर्मूले के बाद बची शेष एक सीट निजी कॉलेज के हिस्से में जाएगी। कोर्ट इस मामले में अब सितंबर में आगे विचार करेगा।