भारत में बेरोजगारी हमेशा से बड़ा मुद्दा रहा है जिसको लेकर सरकारें हमेशा से गिरती रही हैं। मोदी सरकार ने भी बेरोजगारी को अपने चुनावी एजेंडे में मुख्य जगह दी थी, अब लग रहा है कि मोदी सरकार अपने वादों को लेकर गंभीर नजर आ रही है।
खबरों के मुताबिक नए साल में भारतीय फर्मो के कर्मचारियों की वेतन बढ़ सकती है। एक अनुमान के मुताबिक रोजगार बाजार में तीन से पांच लाख नई नौकरियों के अवसर खुलने की उम्मीद है। वहीं कंपनियों का कर्मचारियों की संख्या में करीब 15 से 20 प्रतिशत वृद्धि का इरादा है, जिससे कई युवाओं को रोजगार मिल सकता है।
हालांकि इसके अलावा इन कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के वेतन में भी 10 से 12 प्रतिशत वृद्धि की योजना बनाई है। सूत्रों के मुताबिक कुछ पदों या क्षेत्रों में यह बढ़ोत्तरी 30 प्रतिशत तक हो सकती है।
कंपनियों के इस फैसले को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि, यह फैसला पूरी तरह से व्यवसाय में होने वाले फायदे पर निर्भर है। नई सरकार के आने से सभी कारोबारियों को काफी फायदा पहुंच रहा है।
अब ऐसे में कंपनियां अपने काम को आगे बढ़ाते हुए नई भर्तियां करने जा रही हें। विशेषज्ञों का मानना है कि नई सरकार के आने के बाद से कारोबारी माहौल में तेजी से सुधार हुआ है।
जिसके बाद कंपनियों ने अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं को अमल में लाना शुरु कर दिया है। अब ऐसे में 2015 का साल बेरोजगार युवाओं के लिए नई उम्मीद लेकर आएगा।
मानव संसाधन उपलब्ध कराने वाली विभिन्न कंपनियों व रोजगार पर परामर्श देने वाले संगठनों के अनुसार 2014 में नियुक्तियों में औसत वृद्धि 10 से 12 प्रतिशत रही है। वेतनवृद्धि के लिए यह रफ्तार आठ से 10 फीसद रही।
वहीं दूसरी ओर अर्थव्यवस्था में भी सुधार के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। अब ऐसे में साल 2015 में नई नौकरियों में बाहर आनी लगभग तय है।
देश की आर्थिक स्थिति में होने वाले सुधार को देखते हुए वेतनवृद्धि और नियुक्तियों को लेकर कंपनियों का नजरिया काफी आक्रामक रहने वाला है। अगर ऐसा हुआ तो यह तय है कि देश 2015 में अपने निर्धारित लक्ष्य को अवश्य प्राप्त कर पाएगा।