पाठ्यक्रम का विरोध करने वाले शिक्षकों का दावा है कि कुलपति अभी भी चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम का समर्थन कर रहे हैं और सदस्यों ने आकादमिक परिषद की बैठक में चार वर्षीय पाठ्यक्रम से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा करने को कहा है।
उन्होंने दावा किया कि कुलपति ने सदस्यों से ई-मेल की कॉपी साझा करने से इंकार किया लेकिन कहा कि इन मुद्दों पर परिषद की बैठक में चर्चा हो सकती है जो हंगामेदार तरीके से शुरू हुई। शिक्षकों के अनुसार कुलपति ने कहा कि यूजीसी ने जल्दबाजी में तथ्यों को नजरंदाज किया होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने हालांकि सदस्यों से विषयों पर चर्चा करने और बैठक के एजेंडे को जारी रखने को कहा।
दूसरी ओर दिल्ली विश्वविद्यालय ने चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) के अपने रूख से हटने से इनकार करते हुए इसकी समीक्षा करने की विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) मांग खारिज कर दी है। यूजीसी अब विश्वविद्यालय के रुख से मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अवगत कराएगा और वह इससे एक निर्देश प्राप्त होने का इंतजार कर रहा है। (भाषा)