मैथ्यू हेडन : ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट का महापुरुष

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- शराफत खा न

मैथ्यू हेडन ने आखिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेकर तमाम अटकलों को विराम दे दिया। हेडन पिछले कई दिनों से अपने फॉर्म से जूझ रहे थे, लेकिन पूर्व क्रिकेटरों का मत था कि वे अपने फॉर्म को जल्द ही पा लेंगे और उनकी वापसी धमाकेदार होगी। हेडन ने अटकलों को विराम देते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अपने संन्यास की घोषणा कर दी।

एडम गिलक्रिस्ट के संन्यास लेने के बाद ब्रेड हैडिन ने उनकी जगह ली, लेकिन हम जानते हैं कि क्रिकेट जगत को दूसरा गिलक्रिस्ट मिलना मुश्किल है। इसी तरह हेडन के संन्यास के बाद शान मार्श और फिल जैक्स जैसे बल्लेबाज उनकी जगह लेने को तैयार हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया को दूसरा हेडन भी नहीं मिल सकता।

मार्च 1994 को जोहान्सबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हेडन ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की। हेडन शुरू में माइकल स्लेटर के जोड़ीदार रहे, लेकिन मार्क टेलर के कप्तान बनने के बाद वे उनके साथ पारी शुरू करने लगे।

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अपने चौदह साल के क्रिकेट करियर के दौरान हेडन ने ऑस्ट्रेलिया के लिए सलामी बल्लेबाज की भूमिका सफलतापूर्वक निभाई है। उन्होंने टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट में माइकल स्लेटर, मार्क टेलर, जस्टिन लेंगर, एडम गिलक्रिस्ट, मार्क वॉ, फिल जैक्स के साथ ऑस्ट्रेलियाई पारी का आगाज किया। इनमें लंबे समय तक उनके जोड़ीदार लेंगर रहे। हेडन-लेंगर की जोड़ी ने कई टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया को जबरदस्त शुरुआत दी और उसकी जीत के शिल्पकार बने।

2003 में पर्थ टेस्ट में हेडन ने जिम्बॉब्वे के खिलाफ 380 रनों की पारी खेलकर विश्व कीर्तिमान बनाया था। हालाँकि यह कीर्तिमान ज्यादा समय तक कायम नहीं रह सका और ब्रायन लारा ने एक बार फिर इसे अपने नाम कर लिया, लेकिन हेडन की इस पारी की खासियत यह थी कि उन्होंने ये 380 रन 90 की स्ट्राइक रेट से बनाए थे।

संन्यास लेने से पहले हेडन खराब फॉर्म से गुजर रहे थे। यह पहली बार नहीं था, जब हेडन ने अपनी लय खोई। वे पहले भी दो बार टीम से खराब फॉर्म की वजह से बाहर हो चुके थे। 1994 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले हेडन शुरू में कुछ खास नहीं कर पाए और उन्हें टीम से अपना स्थान गँवाना पड़ा। 1996 में हेडन की टीम में वापसी हुई और औसत प्रदर्शन के दम पर वे एक साल तक टीम में बने रहे।

21 मार्च 1997 को सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट के बाद उन्हें तीन साल तक टीम से बाहर रहना पड़ा। इस दौरान उन्होंने कड़ी मेहनत की और तीन साल दस दिनों के बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ 31 मार्च 2000 को हेमिल्टन टेस्ट से टीम में वापसी की।

इसके बाद वे अपने प्रदर्शन के आधार पर कभी टीम से बाहर नहीं रहे। कुछ मौकों पर वे चोटिल होकर बैंच पर बैठे, लेकिन जल्द ही वापस भी आए। हेडन की मौजूदगी से सालों-साल ऑस्ट्रेलियाई टीम मैनेजेमेंट को सलामी बल्लेबाजी को लेकर अलग से कोई योजना नहीं बनानी पड़ी।

हालाँकि चयनकर्ता हेडन को एशेज के लिए टीम में चुनना चाहते थे, लेकिन हेडन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सिरीज समाप्त होने के बाद अपने गृह नगर ब्रिस्बेन गए और अपने परिवार और मित्रों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद उन्होंने अपने संन्यास की घोषणा कर दी। 103 टेस्ट मैचों में 30 शतक और 29 अर्धशतक के साथ 50.73 की औसत से 8625 रन बनाने वाले हेडन को कई विशेषज्ञ ऑस्ट्रेलिया का सफलतम सलामी बल्लेबाज मानते हैं।

30 टेस्ट शतक लगाने वाले हेडन के संन्यास लेने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम को प्रतिष्ठित एशेज सिरीज में साइमन कैटिच का जोड़ीदार ढूँढना होगा। शान मार्श और फिल जैक्स के अलावा कुछ नए चेहरे भी इस दौड़ में हैं।

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