दिल्ली पस्त, पंजाब मस्त

Webdunia
सोमवार, 12 अप्रैल 2010 (00:26 IST)
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किंग्स इलेवन पंजाब ने सेमीफाइनल की दहलीज पर खड़ी टीमों का खेल बिगाड़ने का अपना सिलसिला जारी रखते हुए आज दिल्ली डेयरडेविल्स को उसी के घरेलू मैदान में जोरदार पटखनी दे डाली। पंजाब ने दिल्ली को आईपीएल मुकाबले में मात्र 111 रन पर समेटने के बाद तीन विकेट के नुकसान पर 112 रन बनाकर शानदार जीत हासिल कर ली।

दिल्ली को 11 मैचों में यह पाँचवीं हार झेलनी पडी है और वह 12 अंकों के साथ तालिका में तीसरे स्थान पर है जबकि पंजाब टीम ने अपने उलटफेर का सिलसिला जारी रखते हुए 12 मैचों में चौथी जीत के साथ अपनी अंक संख्या आठ पहुँचा दी।

पंजाब ने इससे पहले चोटी की टीम मुंबई इंडियंस को भी मोहाली में छह विकेट से शिकस्त दी थी। पंजाब ने उसके बाद अब दिल्ली को भी पराजय का कड़वा घूँट पिलाकर सेमीफाइनल की उम्मीद लिए खड़ी टीमों को खतरे का संकेत दे दिया है।

दिल्ली को पंजाब के जाँबाजों से सतर्क रहने की जरूरत थी लेकिन उन्होंने वही गलती दोहराई जो मुंबई इंडियंस के खिलाडियों ने की थी। पंजाब के गेंदबाजों इरफान पठान (24 रन पर तीन विकेट) और पीयूष चावला (16 रन पर दो विकेट) ने शानदार गेंदबाजी करते हुए दिल्ली को 19.4 ओवर में सिर्फ 111 रन पर समेट दिया।

पंजाब के लिए यह लक्ष्य मामूली था जो उसने अपने दो श्रीलंकाई खिलाडियों माहेला जयवर्धने (38)और कप्तान कुमार संगकारा (33)तथा युवराज सिंह (नाबाद 21) की उपयोगी पारियों से 18.4 ओवर में ही हासिल कर लिया।

ओपनिंग में उतारे गए इरफान पठान ने हालाँकि 17 गेंदों में एक चौके की मदद से 12 रन बनाए लेकिन उन्होंने माहेला के साथ पहले विकेट के लिए 6.4 ओवर में 41 रन की ठोस साझेदारी की। पंजाब के बल्लेबाजों ने बिना कोई हड़बड़ाट दिखाए रन बनाए क्योंकि उन्हें मालूम था कि 112 का लक्ष्य हासिल करना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है।

दिल्ली के गेंदबाज भी इस छोटे से स्कोर का बचाव करने में पूरी तरह हताश दिखाई दिए। अमित मिश्रा ने पठान को रजत भाटिया के हाथों कैच कराया जबकि पाल कोलिंगवुड ने जयवर्धने को आशीष नेहरा के हाथों लपकवा दिया। जयवर्धने ने 35 गेंदों में चार चौकों और एक छक्के की मदद से 38 रन की पारी खेली। उनका विकेट 11वें ओवर की आखिरी गेंद पर 65 के स्कोर पर गिरा।

इसके बाद संगकारा और उनके पूर्ववर्ती युवराज सिंह (नाबाद 21) टीम को जीत के करीब ले गए। जीत जब दो रन दूर थी तो संगकारा को कोलिंगवुड ने बोल्ड कर दिया। संगकारा ने 30 गेंदों पर 33 रन की अपनी पारी में चार चौके लगाए। उनका विकेट 18 वें ओवर में 110 के स्कोर पर गिरा।

पंजाब ने इसके बाद अगले ओवर में जीत हासिल कर ली। युवराज सिंह 25 गेंदों में दो चौकों और एक छक्के की मदद से 21 रन बनाकर अविजित रहे जबकि एड्रियन बराथ दो रन पर नाटआउट रहे। दिल्ली के लिए कोलिंगवुड 19 रन पर दो विकेट लेकर सबसे सफल रहे, मिश्रा को 15 रन पर एक विकेट मिला।

इससे पहले पठान और चावला ने दमदार प्रदर्शन करते हुए डेयरडेविल्स का पुलिंदा 19.4 ओवर में 111 रन पर बाँध दिया था। दिल्ली ने अपने मैदान में निहायत घटिया प्रदर्शन करते हुए कोटला में बैठे 50 हजार से ज्यादा दर्शकों को बुरी तरह निराश किया। किसी को उम्मीद नहीं थी कि स्टार खिलाड़ियों से सुसज्जित टीम आईपीएल की सबसे फिसड्डी टीम के खिलाफ ऐसा प्रदर्शन करेगी।

दिल्ली के बल्लेबाजों को देखकर लग ही नहीं रहा था कि उनमें विकेट पर टिकने की कोई ढृढता या संकल्प है। सबको जैसे पैवेलियन में लौटने की जल्दबाजी लगी हुई है। टीम के दो दिग्गज बल्लेबाज डेविड वॉर्नर (6) और कप्तान गौतम गंभीर (26) रनआउट हुए जबकि ओपनर वीरेन्द्र सहवाग खाता खोले बिना पैवेलियन लौट गए।

पठान ने सहवाग,दिनेश कार्तिक (17) और आईपीएल में पहली बार खेल रहे आशीष नेहरा (1) के विकेट हासिल किए। लेग स्पिनर पीयूष चावला ने अपनी शानदार गेंदबाजी का सिलसिला जारी रखते हुए चार ओवर में मात्र 16 रन देकर पाल कोलिंगवुड (4) और डेनियल विटोरी (2) के विकेट झटके।

दिल्ली की दयनीय हालत का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि पूरी टीम बीस ओवर खेले बिना आउट हो गई, उसकी पारी में एक भी छक्का नहीं लगा और उसकी पारी में सिर्फ आठ चौके ही लग पाए। गंभीर ने 12 गेंदों पर 26 रन की अपनी पारी में पाँच चौके लगाए।

सहवाग खाता खोले बिना पारी के दूसरे ओवर में पठान की पहली ही गेंद पर रितेन्द्र सिंह सोढी को कैच थमा बैठे। गंभीर और वॉर्नर चौथे ओवर तक स्कोर को 39 रन तक ले गए। गंभीर काफी अच्छे शॉट खेल रहे थे लेकिन विकेटों के बीच उनकी खराब दौड़ एकबार फिर उनके आड़े आई।

टीम का स्कोर जब 39 रन था तो गंभीर रन आउट हो गए। गंभीर कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ पिछले मैच में भी रन आउट हुए थे जिसके बाद टीम को हार का सामना करना पड़ा था। गंभीर के रन आउट होने के दो गेंद बाद ही वॉर्नर भी रन आउट होकर पैवेलियन लौट चुके। उन्होंने 11 गेंदों में एक चौके की मदद से छह रन बनाए।

तीन विकेट 41 रन पर गिरने के बाद दिल्ली की पारी फिर संभल नहीं पाई और उसने नियमित अंतराल में अपने विकेट गँवाए। कार्तिक 35 गेंदें खेलने के बाद 17 रन बना पाए जबकि मन्हास ने 28 गेंदें खेलकर 26 रन बनाए। (वार्ता)

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