भारत के सामने शर्मनाक से बचने की चुनौती

Webdunia
रविवार, 21 अगस्त 2011 (23:51 IST)
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राहुल द्रविड़ के नाबाद शतक के बावजूद फालोऑन खेलने को मजबूर हुआ भारत चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के चौथे दिन दूसरी पारी में 129 रन पर तीन विकेट गंवाने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ व्हाइटवॉश से बचने के लिए जूझ रहा है।

भारत को 4-0 की शिकस्त से बचाने का दारोमदार अब काफी हद तक मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर पर है, जो दिन का खेल खत्म होने पर 35 रन बनाकर क्रीज पर डटे हुए हैं। दूसरे छोर पर अमित मिश्रा आठ रन बनाकर उनका साथ निभा रहे हैं। तेंडुलकर ने अब तक अपनी पारी में 51 गेंद का सामना करते हुए पांच चौके जड़े हैं।

भारत को अब भी पारी की हार से बचने के लिए 163 रन की दरकार है जबकि उसके सात विकेट शेष हैं। इंग्लैंड ने पहली पारी छह विकेट पर 591 रन बनाकर घोषित की थी, जिसके जवाब में भारत पहली पारी में द्रविड़ (नाबाद 146) के शतक के बावजूद 300 रन ही बना सका और उसे फालोऑन के लिए मजबूर होना पड़ा।

नियमित सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर के अस्वस्थ होने के कारण पारी का आगाज करने उतरे द्रविड़ ने अपनी पारी के दौरान 266 गेंद का सामना करते हुए 20 चौके मारे और इस दौरान अपने करियर का 35वां तथा श्रृंखला का तीसरा टेस्ट शतक जड़ा।

उनकी पारी की मदद से टीम इंडिया मौजूदा श्रृंखला में सात पारियों में पहली बार 300 रन का आंकड़ा छूने में सफल रही। द्रविड़ इसके साथ ही पारी की शुरुआत करने के बाद नाबाद लौटने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज बने। इससे पहले वीरेंद्र सहवाग और सुनील गावस्कर यह कारनामा कर चुके हैं।

दूसरी पारी में वीरेंद्र सहवाग और द्रविड़ ने पहले विकेट के लिए 49 रन जोड़कर भारत को सधी हुई शुरुआत दिलाई। द्रविड़ को पारी के सातवें ओवर में ही स्वान की गेंद पर अंपायर ने कैच आउट दे दिया। इस भारतीय बल्लेबाज ने हालांकि डीआरएस का सहारा लिया और टीवी अंपायर ने उन्हें नॉट आउट करार दिया।

द्रविड़ हालांकि 13 रन बनाने के बाद स्वान का ही शिकार बने और इस बार इंग्लैंड टीम ने डीआरएस का सहारा लिया और टीवी अंपायर ने उन्हें कैच आउट करार दिया, जबकि रिप्ले में साफ दिखाई दे रहा था कि गेंद उनके पैड से टकराकर गई थी।

कमेंटेटर सुनील गावसकर और हर्ष भोगले तक को इस फैसले पर आश्चर्य हो रहा था कि तीसरे अंपायर ने द्रविड़ को किस बिना पर पैवेलियन भेजा।

वीरेंद्र सहवाग (33) ने भी जेम्स एंडरसन पर तीन चौके जड़ने के बाद स्वान की गेंद को भी चार के लिए भेजा लेकिन इस आफ स्पिनर की तेजी से स्पिन होती गेंद को विकेटों पर खेलकर वह पैवेलियन लौट गए।

वीवीएस लक्ष्मण (24) और तेंडुलकर ने तीसरे विकेट के लिए 54 रन जोड़कर पारी को संभालने की कोशिश की। तेंडुलकर ने स्वान की गेंद पर चौके के साथ खाता खोला जबकि लक्ष्मण ने इस ऑफ स्पिनर पर लगातार तीन चौके जड़े।

लक्ष्मण अगले ओवर में भाग्यशाली रहे जब एंडरसन की गेंद पर एंड्रयू स्ट्रास ने स्लिप में उनका कैच छोड़ दिया। वह हालांकि इसका फायदा नहीं उठा पाए और एंडरसन की सीधी गेंद को चूककर बोल्ड हो गए। तेंडुलकर ने नाइटवॉचमैन मिश्रा के साथ मिलकर भारत को और झटके नहीं लगने दिए।

इससे पहले द्रविड़ ने पहली पारी में मिश्रा (43) के साथ सातवें विकेट के लिए 87, गौतम गंभीर (10) के साथ आठवें विकेट के लिए 40 और आरपी सिंह (25) के साथ नौवें विकेट के लिए 36 रन जोड़े लेकिन टीम को फालोआन से नहीं बचा पाए।

आज सुबह पांच विकेट पर 103 रन से आगे खेलने उतरे भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (17) अपने कल के स्कोर में 12 रन और जोड़ने के बाद एंडरसन की आउटस्विंगर पर विकेटकीपर प्रायर को कैच दे बैठे।

द्रविड़ ने इंग्लैंड के गेंदबाजों का डटकर सामना किया। उन्हें मिश्रा के रूप में अच्छा जोड़ीदार मिला। द्रविड़ ने ब्रॉड के ओवर में दो चौके जड़ने के बाद एंडरसन की गेंद पर भी चौका जड़ा। दाएं हाथ का यह बल्लेबाज स्वान के ओवर में तीन चौकों के साथ शतक के करीब पहुंचा।

द्रविड़ इसके साथ ही इंग्लैंड के खिलाफ उसकी सरजमीं पर टेस्ट श्रृंखला में दो बार तीन शतक बनाने वाले दूसरे विदेशी खिलाड़ी भी बने। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन यह कारनामा कर चुके हैं।

मिश्रा ने भी ब्रेसनेन के ओवर में दो चौके जड़ने के बाद केविन पीटरसन पर लगातार दो चौकों के साथ टीम का स्कोर 200 रन के पार पहुंचाया। उन्होंने स्वान की सत्र की अंतिम गेंद को लांग ऑन पर छह रन के लिए भी भेजा।

मिश्रा हालांकि लंच के तुरंत बाद ब्रेसनेन की गेंद को पुल करने की कोशिश में बेल को कैच दे बैठे। उन्होंने 77 गेंद का सामना करते हुए छह चौके और एक छक्का मारा।

इंग्लैंड की पारी के दौरान दूसरे दिन केविन पीटरसन का कैच लपकने की कोशिश के दौरान सिर में चोट लगा बैठे गंभीर नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे और कुछ देर द्रविड़ का साथ निभाया। ब्रॉड ने हालांकि उन्हें उछाल लेती गेंद पर स्लिप में पीटरसन के हाथों कैच करा दिया।

आरपी सिंह ने एंडरसन पर लगातार दो चौकों के साथ शुरुआत करने के बाद उनके अगले ओवर में भी दो चौके मारे। द्रविड़ ने इसके बाद ब्रेसनेन की गेंद पर एक रन के साथ श्रृंखला में पहली बार भारत का स्कोर 300 रन तक पहुंचाया।

ब्रेसनेन ने हालांकि इसी स्कोर पर आरपी सिंह को दूसरी स्लिप में एंडरसन के हाथों कैच करा दिया जबकि एक गेंद बाद एस श्रीसंत भी ड्राइव करने की कोशिश में शार्ट कवर पर इओइन मोर्गन को कैच दे बैठे। ब्रेसनेन ने 54 जबकि स्वान ने 102 रन देकर तीन तीन विकेट चटकाए। (भाषा/वेबदुनिया)

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