हार से सबक लेना होगा

-शराफत खान

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भारत-इंग्लैंड टेस्ट सिरीज का परिणाम एक तरफा रहा। जहां एक तरफ इंग्लैंड एक पारी को छोड़कर कभी ऑलआउट नहीं हुई तो दूसरी तरफ भारतीय टीम कभी अपने सभी विकेट नहीं बचा पाई और आठों पारियों में ऑलआउट हुई। यह तथ्य दोनों टीमों के प्रदर्शन में अंतर बताने के लिए काफी है।

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टेस्ट क्रिकेट में एक मान्यता है कि टेस्ट मैच गेंदबाज जिताते हैं। इस सिरीज में भारतीय गेंदबाज कभी भी इंग्लैंड के बीस विकेट नहीं ले पाए और यही हार की सबसे बड़ी वजह रही। दूसरी तरफ इंग्लैंड के गेंदबाजों ने कमाल का प्रदर्शन किया। सिरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में पहले तीन गेंदबाज स्टूअर्ट ब्रॉड (25 विकेट), जेम्स एंडरसन (21 विकेट), टिम ब्रिसनेन (3 मैच में 16 विकेट) इंग्लैंड के रहे।

ब्रिसनेन के बारे में एक दिलचस्प तथ्य यह है कि उन्होंने अब तक 10 टेस्ट खेले हैं और इन सभी मैचों में जीत इंग्लैंड की हुई है। ब्रिसनेन इंग्लैंड के लिए बहुत लकी माना जा रहा है।

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इंग्लैंड के हाथों भारत को पिछले चार दशकों की सबसे करारी हार मिली है, लेकिन फिर भी इस साल दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम जब चुनी जाएगी तो उसमें ज्यादा बदलाव दिखाई नहीं देंगे, क्योंकि सिर्फ एक सिरीज में नाकाम होने से खिलाड़ियों की योग्यता का निर्धारण नहीं किया जा सकता।

जो लोग राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और सचिन तेंडुलकर के संन्यास लेने की बात करते हैं, उनसे पूछा जाए कि क्या चयनकर्ताओं ने इन तीनों बल्लेबाजों के विकल्प सोच रखे हैं? कुछ क्रिकेट विशेषज्ञ मानते हैं कि इन तीनों की जगह लेना युवा खिलाड़ियों के लिए बेहद कठिन चुनौती है। खासतौर पर विदेशी जमीन पर खेलने के लिए युवा खिलाड़ी अभी पूरी तरह तैयार नहीं हैं। सुरेश रैना, विराट कोहली, एस बद्रीनाथ विदेशी धरती पर पूरी तरह फ्लॉप साबित हुए हैं। वैसे कुछ लोग इसकी वजह बीसीसीआई को मानते हैं जो भारत में सपाट विकेट को बढ़ावा दे रहा है, जिससे बल्लेबाज घरेलू पिच पर तो गेंदबाजों का भुर्ता बना देते हैं, लेकिन जैसे ही वे भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर खेलने जाते हैं, उनकी कलई खुल जाती है। जैसा कि इंग्लैंड दौरे पर सुरेश रैना के साथ हुआ।

द्रविड़ ने भारत की तरफ से सिरीज में सबसे ज्याद रन (76.83 की औसत से 461 रन) बनाए हैं। लक्ष्मण अपने रंग में नजर नहीं आए, लेकिन फिर भी वे रन बनाने में भारत की तरफ से टॉप फोर बल्लेबाजों में शामिल रहे।

भारत ने दो बार विश्व खिताब जीता, टेस्ट में नंबर वन टीम की हैसियत बनाई, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज में टेस्ट सिर‍ीज जीती, लेकिन इंग्लैंड में टेस्ट सिरीज में 0-4 की हार से धोनी एंड कंपनी को बड़ा झटका लगा है। यह सिरीज टीम के लिए सबक है। यहां की गलतियों में सुधार करके टीम को आने वाले दिनों में एक बार फिर 'मिशन नंबर वन' के लिए जुटना होगा।

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