3 ओवर में 37 रन लुटाने वाले अर्शदीप ने आखिरी ओवर में बचाए 10 रन (Video)

Webdunia
सोमवार, 4 दिसंबर 2023 (12:20 IST)
पहले तीन ओवर में 37 रन लुटाने के बाद अंतिम ओवर में शानदार वापसी करने वाले तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के कप्तान मैथ्यू वेड को आउट करने के बाद उन्हें विश्वास हो गया था कि भारत पांचवा और अंतिम टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच जीत सकता है।

अर्शदीप को चिन्नास्वामी स्टेडियम की मुश्किल पिच पर अंतिम ओवर में 10 रन का बचाव करने का जिम्मा सौंपा गया। बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने अपने बाउंसर और यार्कर का अच्छा इस्तेमाल करके भारत को 6 रन से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इससे भारत ने पांच मैच की श्रृंखला 4-1 से जीती।

उन्होंने कहा,‘‘मुझे लग रहा था कि मैं बाउंसर करके वेड के दिमाग में संदेह पैदा कर सकता हूं और जब मैंने उसका विकेट लिया तो मुझे विश्वास हो गया था कि हम मैं जीत सकते हैं।’’

इस तेज गेंदबाज ने सूर्यकुमार यादव के नेतृत्व कौशल की भी प्रशंसा की।उन्होंने कहा,‘‘सूर्या भाई हमें काफी स्वतंत्रता देते हैं। हम इस श्रृंखला में पहले बल्लेबाजों के लिए अनुकूल पिचों पर खेले हैं लेकिन वह कहते रहे कि जहां चुनौतियां हैं वहां अवसर भी जरूर होंगे।’’

अर्शदीप ने कहा,‘‘वह हमसे कहते रहे की परिणाम को लेकर चिंता मत करो तथा प्रक्रिया पर ध्यान दो। उन्होंने हम पर कभी दबाव नहीं बनाया। उन्होंने मुझसे कहा कि डेथ ओवरों में मैं जिस तरह की गेंदबाजी करना चाहता हूं वैसे ही करूं और वह उसका पूरा समर्थन करेंगे।’’

अर्शदीप ने एक सप्ताह के अंदर शुरू होने वाले दक्षिण अफ्रीका के दौरे को बारे में कहा,‘‘हमारा ध्यान अभी वर्तमान श्रृंखला पर था। हम बहुत आगे के बारे में नहीं सोच रहे थे। एक बार जब हम वहां (दक्षिण अफ्रीका) पहुंच जाएंगे तो वहां की परिस्थितियों को देखकर ही अपनी रणनीति तय करेंगे।’’(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख