वह निराश दिख रहा था, अश्विन की विदाई से खुश नहीं कपिल देव
उचित विदाई का हकदार था अश्विन: कपिल देव
Kapil Dev on Ravichandran Ashwin Retirement : रविचंद्रन अश्विन के अचानक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के फैसले से विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव भी हैरान हैं और उनका मानना है कि यह स्टार ऑफ स्पिनर विशेषकर घरेलू धरती पर उचित विदाई का हकदार था। अश्विन ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिस्बेन में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा करके क्रिकेट जगत को चौंका दिया था।
कपिल का मानना है कि लगता है कि अश्विन किसी चीज को लेकर नाखुश थे।
कपिल ने पीटीआई को जारी बयान में कहा, ‘‘मैं इस बात से हैरान था कि भारत के महानतम क्रिकेटरों में से एक ने खेल छोड़ने का फैसला कैसे किया। प्रशंसक निराश हैं लेकिन मैंने उसके चेहरे पर भी निराशा के भाव देखे। वह निराश दिख रहा था और यह दुखद है। वह इससे बेहतर विदाई का हकदार था। वह उचित विदाई का हकदार था।’’
अश्विन ने एक महत्वपूर्ण श्रृंखला के बीच में संन्यास लेने का फैसला किया और कपिल इसके पीछे के कारण जानना चाहते हैं।
उन्होंने कहा,‘‘वह इंतजार कर सकता था और भारतीय धरती पर अपने संन्यास की घोषणा कर सकता था लेकिन मुझे नहीं पता कि उसने अभी ऐसा क्यों किया। मैं उनका पक्ष भी सुनना चाहता हूं। वह उस सम्मान का हकदार है। उसने देश की तरफ से 106 टेस्ट मैच खेले हैं। मुझे नहीं लगता कि भारतीय क्रिकेट में उनके अमूल्य योगदान की कोई बराबरी कर सकता है।’’
कपिल ने उम्मीद जताई कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अश्विन की शानदार विदाई के लिए उचित प्रबंध करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे पूरा विश्वास है कि बीसीसीआई भारतीय टीम के इस मैच विजेता की शानदार विदाई के लिए उचित प्रबंध करेगा।’’
कपिल ने कहा कि अश्विन एक दिग्गज, बहुमुखी और अपरंपरागत गेंदबाज थे, जो लगातार अपनी गति में बदलाव और चतुराई भरी लाइन और लेंथ से बल्लेबाजों को परेशान करते थे।
उन्होंने कहा,‘‘वह प्रयोग करने के लिए हमेशा तैयार रहता था और यह चीज उसे अन्य से अलग करती थी। एक ऐसा खेल जिसमें बल्लेबाजों को अधिक प्रशंसा मिलती है, उसमें अश्विन ने अपने लिए अलग से जगह बनाई।’’
पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘अश्विन साहसी गेंदबाज था। वह मैच में किसी भी समय गेंदबाजी कर सकता था। क्या आपको ऐसे गेंदबाज मिलते हैं जो बहुत अच्छे रणनीतिकार हों और परिस्थितियों से तेजी से सामंजस्य से बिठाते हों। वह कप्तान का सबसे पसंदीदा गेंदबाज था।’’
कपिल ने कहा,‘‘वह भारत की तरफ से सर्वाधिक मैन ऑफ द सीरीज पुरस्कार जीतने वाला खिलाड़ी था। वह कभी हार न मानने वाला खिलाड़ी था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ वह एक दुर्लभ स्पिनर था जो अनिल कुंबले की तरह ही नई गेंद से गेंदबाजी कर सकता था। भगवान का शुक्र है कि मुझे उसके साथ नहीं खेलना पड़ा। अश्विन के कारण मैं अपनी जगह गंवा देता।’’ (भाषा)